झारखंड में अपराध का दायरा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है कह सकते हैं कि झारखंड अपराध का गढ़ बन गया है. अपराधियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि यहां दिन दहाड़े लोगों को गोलियों से भून दिया जा रहा है और प्रशासन हाथ पे हाथ धरे बैठा है.पिछले एक साल में राज्य में गोलीकांड के मामले तेजी से बढ़े हैं फिर भी सरकार चुप्पी साधे है. इसी बीच अब कोयलांचल गैंगसटरों का अड्डा बनता जा रहा है. बीते कल यानी 14 जून को धनबाद में गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दी. बुधवार की सुबह धनबाद के चासनाला में सेल कर्मी और कोयला ट्रांसपोर्टर प्रवीण राय की अपराधियों ने बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी. अपको जानकर हैरानी होगी की प्रवीण पर अपराधियों ने दिनदहाड़े चार राउंड फायरिंग की और आसानी से भाग निकले.
रिपोर्ट्स बताते हैं कि प्रवीण राय सुबह अपनी गाड़ी से चासनाला साउथ कॉलोनी स्थित अपने नीजी कार्यालय पहुंचे. वहीं प्रवीण के कार्यालय के बाहर लाल रंग की ग्लैमर बाइक पर दो अज्ञात लोग घात लगाकर बैठे थे. जैसे ही प्रवीण अपनी गाड़ी से उतरे अपराधियों ने उन्हें घेर लिया. इस दौरान प्रवीण और अपराधियों के बीच धक्का-मुक्की हुई और देखते ही देखते अपराधियों ने प्रवीण के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.
प्रवीण राय किसी प्रकार जान बचाकर अपने ऑफिस की तरफ भागे लेकिन अपराधी उनके पीछे ताबड़तोड़ गोलियां चलाते रहे.इस बीच एक गोली प्रवीण के आंख के पास लगी और दूसरी सिर पर लगी. गोलियों की आवाज सुनकर इलाके में हड़कंप मच गया. आसपास के दुकानदार अपनी दुकानें बंद करने लगे, जिसमें गोली लगने से स्थानीय दुकानदार राज किशोर सिंह भी घायल हो गए. अपराधी जाते-जाते जमकर हवाई फायरिंग करते गए जिससे आसपास के लोगों में दहशत का माहौल बन गया.
ये कोई नहीं बात नहीं है कि झारखंड में दिन दहाड़े बीच सड़क पर किसी को गोलियों से छल्ली कर दिया गया हो. झारखंड में मर्डर के आंकड़ों की बात करें तो झारखंड पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में 1,656 मर्डर हो चुके हैं. ये सिर्फ मर्डर के आंकड़े हैं इसके अलावा राज्य में रेप, रंगदारी,गोलीकांड,चोरी, किडनैपिंग, छनतई, दंगे, नक्सली हमले जैसे कई अपराधों के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. झारखंड में अपराधी अपने काम को लेकर सिरीयस हैं लेकिन लेकिन राज्य सरकार अब तक अपने दायित्वों के प्रति सिरीयस नहीं हुई है.
प्रवीण राय पर चली गोली को लोकर झरिया प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष इम्तियाज अली ने कहा कि प्रवीण ने एसएसपी से कितनी बार बाडीगार्ड की मांग की थी, लेकिन हर बार उनसे कहा गया कि आप बखौफ रहें। आपको कोई खतरा नहीं है.
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन राज्य में घट रही आपराधिक मुद्दों को लगातार नरअंदाज कर रही है. इसके खिलाफ अब तक कोई भी सख्त कदम नहीं उठाया गया है. बीते एक साल में राज्य में सिर्फ अपराध के आंकड़े बढ़े हैं. इस पर राज्य सरकार द्वारा किए काम के आंकड़े स्थिर हैं.
झारखंड की जनता में राज्य का माहौल देखते हुए डर समा रहा है. राज्य की जनता का फिलहाल एक ही सवाल है आखिर झारखंड अपराधमुक्त कब होगा.
सरकार इसके रोकथाम के लिए क्या प्रयास कर रही है, अगर कुछ कर रही है तो वो राज्य की जनता को नहीं दिखाई दे रहे हैं.