“चुआड़ विद्रोह” के महानायक शहीद रघुनाथ महतो की मनाई गई जयंती

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राजधानी के राजभवन स्थित मूर्ति गार्डन में बलिदानी रघुनाथ महतो की आज 285वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर शहीद रघुनाथ महतो को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. शहीद रघुनाथ महतो का जन्म 1738 में सरायकेला खरसावां जिले के एक किसान परिवार में हुआ था. रघुनाथ महतो उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा किसानों पर जबरन टैक्स लगाने और प्रताड़ना पर, कंपनी के खिलाफ किसानों को एकजुट कर आंदोलन शुरू किए थे. 05 अप्रैल 1778 को रांची के लोटा गांव में जब सभा कर रहे थे, उस समय अंग्रेजों की अंधाधुंध गोलीबारी से रघुनाथ महतो और उनके साथियों की मौत हो गई थी. इस गोलीकांड में रघुनाथ महतो के साथ ही साथ उनके कई साथी शहीद हो गए थे.

ये लोग रहें उपस्थित

रघुनाथ महतो की जयंती के अवसर पर महीपाल, केशव महतो, कमलेश, रतन महतो, जितेन्द्र, अमर महतो, जगतपाल, देवेन्द्र महतो, ललित, भागवत कुमार, संतोष, गुरुचरण, कमलाकांत, हेमंत, हरिदास, रतन सत्यर्थी, अंगद नायक, विदेशी महतो, मनोरंजन, धनेश्वर, बुद्धेश्वर मुख्य रूप से शामिल रहे.

चुआड़ का अर्थ

चुआड़ का अर्थ लुटेरा और उत्पाती होता है. जो असभ्य, बर्बर, तुच्छ लोगों को संदर्भित करता है चुआड़ शब्द 1769 से 1805 तक चला विद्रोह से आया है. आदिवासी लोगों की उत्पाती और लूट-पाट को सामूहिक रूप से ब्रिटिशों द्वारा चुआड़ कह कर बुलाया जाता था. झारखंड के आदिवासी लोगों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ जल, जंगल, जमीन के बचाव से 1769 में जो आंदोलन शुरु किया गया उसे चुआड़ विद्रेह कहा गया.

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