संजय सेठ और कांग्रेस की यशस्विनी सहाय

भाजपा के संजय सेठ या कांग्रेस की यशस्विनी सहाय, रांची में किसका दबदबा ?

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रांची संसदीय क्षेत्र में भाजपा के निवर्तमान सांसद संजय सेठ और कांग्रेस की यशस्विनी सहाय के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। 1998 के बाद से रांची सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर होती आई है। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद हुए चार चुनावों में दो बार कांग्रेस और दो बार भाजपा ने जीत हासिल की है। इस बार कांग्रेस ने सुबोधकांत सहाय की जगह उनकी बेटी यशस्विनी को उम्मीदवार बनाया है। 2019 के चुनाव में संजय सेठ ने सुबोधकांत सहाय को 2.83 लाख वोटों से हराया था।

भाजपा की पकड़ शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मजबूत है। मोदी का जादू भी यहां काम करता है। वहीं, इंडी गठबंधन की ग्रामीण इलाकों में स्थिति ज्यादा मजबूत है। दोनों दलों के प्रचार वाहन गली-मुहल्लों में घूम रहे हैं और कार्यकर्ता डोर-टू-डोर अभियान में जुटे हुए हैं। कांग्रेस का चुनाव अभियान ग्रामीण क्षेत्र से शुरू होकर अब रांची शहरी क्षेत्र में पहुंच गया है। पार्टी को मुस्लिम, ईसाई, झामुमो, राजद और माले के मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद है। वहीं, भाजपा अपने कोर वोटरों पर भरोसा कर रही है और पूरी ताकत लगा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का रोड शो हो चुका है। 22 मई को तेजस्वी सूर्या ने रांची में मोटरसाइकिल रैली निकाली थी। पिछले चुनाव में भी संजय सेठ के पक्ष में मोदी का रोड शो और अमित शाह की सभा हुई थी।

इंडी गठबंधन ने भी हवा का रुख अपनी ओर मोड़ने के लिए 22 मई को प्रियंका गांधी, कल्पना सोरेन और सीएम चंपाई सोरेन की सभा आयोजित की है। रांची में 25 मई को मतदान होगा, जहां 21,88,389 मतदाता 27 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। रांची लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र हैं: रांची, हटिया, कांके, सिल्ली, ईचागढ़ और खिजरी। इनमें से रांची, हटिया, और कांके पर भाजपा का कब्जा है, जबकि सिल्ली सीट पर सहयोगी पार्टी आजसू का कब्जा है।

चुनावी मुद्दे

– पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कार्य, राज्य सरकार का भ्रष्टाचार, बांग्लादेशी घुसपैठ, और देश में मजबूत सरकार।
– सरना धर्म कोड, आरक्षण, नियोजन नीति, बेरोजगारी, महंगाई, और केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग।

अजब संयोग… झारखंड बनने के बाद जिस दल का प्रत्याशी जीता, उसी की केंद्र में सरकार बनी। अलग झारखंड राज्य बनने के बाद पिछले चार चुनावों में रांची से जिस दल का प्रत्याशी जीता, केंद्र में उसी की सरकार बनी है। वाजपेयी सरकार के बाद 2004 और 2009 में कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय विजयी हुए थे और केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी थी। 2014 में भाजपा के रामटहल चौधरी और 2019 में संजय सेठ की जीत हुई और तब से केंद्र में मोदी सरकार है। इस चुनाव के परिणाम का सभी को इंतजार है।

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