Ranchi: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर रोजगार के मसले पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा इकाई ने शुक्रवार को रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आक्रोश रैली का आयोजन किया.
रैली में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी सहित तमाम विधायक, सांसद, नेता, कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए. इस आक्रोश रैली को झारखंड के युवाओं का भी सहयोग मिला.
इधर, बीजेपी की आक्रोश रैली के मद्देनजर रांची जिला प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान में 500 मी. के दायरे में धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी.
बीजेपी का आरोप है कि राज्यभर के अलग-अलग जिलों से रांची पहुंचे युवाओं को मोरहाबादी मैदान तक पहुंचने से रोका गया.
इस बीच कई तस्वीरें भी सामने आईं जिसमें दिखा कि मोरहाबादी मैदान के आसपास कंटीले तार लगाये गये थे. दंडाधिकारियों के साथ-साथ भारी संख्या में पुलिस बल के जवानों को भी तैनात किया गया था.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि जब राज्य में रोजगार की मांग कर रहे युवाओं को कंटीली तार लगाकर रोका गया. सरकार किससे सुरक्षा चाहती है.
उन्होंने कहा कि जिन युवाओं को आज हेमंत सरकार रोक रही है वही कल उनकी सरकार को उखाड़ फेकेंगे.
भवनाथपुर विधायक भानुप्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगाकर्मियों, पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और सहायक पुलिसकर्मियों से वादा किया था कि उनको नियमित कर वेतनमान दिया जायेगा.
प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरी का वादा करके हेमंत सोरेन सत्ता में आये थे. बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था.
हर साल जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आयोजन का वादा किया था लेकिन 5 साल के कार्यकाल में कोई वादा पूरा नहीं किया.
गौरतलब है कि कार्यक्रम में जनजातीय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रांची विधायक सीपी सिंह, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ सहित तमाम विधायक और सांसद शामिल हुए.
बता दें कि अगले कुछ महीने में झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले है. बीजेपी 5 साल से सत्ता से बाहर है. हेमंत सरकार रोजगार के मसले पर युवा आक्रोश से घिरी है.
बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है. आक्रोश रैली को लेकर पक्ष-विपक्ष में बहस जारी है.