“उधार के सिंदूर से सुहागन बन रही है भाजपा” : जेएमएम

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झारखंड बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष का पद लगभग तीन सालों से खाली पड़ा था, लेकिन बीते 15 अक्टूबर को झारखंड भाजपा को अपना नेता प्रतिपक्ष मिल गया.भाजपा ने चंदनकियारी से विधायक और अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर बाउरी को विधायक दल नेता चुन लिया है. वहीं मांडू के विधायक जय प्रकाश भाई पटेल को विधानसभा में पार्टी ने सचेतक बनाया गया है.
अब इस पर भी झामुमो और कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो रही है. झारखंड मुक्ति मोचा और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. झामुमो ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी में उधार लेने वाल को तरजीह दी जा रही है, वास्तव में यह पार्टी विद डिफेंस ही ऐसा कर सकती है.

झारखंड मुक्ति मोचा केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि जो लोग पांच साल तक दूसरे दलों के नेता के रुप में काम कर रहे थे. वर्षों पहले जो लोग मोदी को पानी पी-पीकर गाली दते थे, उन्हें आज महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिल गई है. जबकि सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, अनंत ओझा जैसे समर्पित विधायक हाशिये पर है. जेएमएम नेता ने कहा क ये नेता उधार का सिंदूर हैं, जिसकी दुल्हन बीजेपी बनना चाहती है. यह भी सोचना चाहिए कि वे कब तक बीजेपी के साथ रहेंगे. अगर विधायक हमारा नहीं हुआ तो बीजेपी का क्या होगा?

वहीं लगे हाथ प्रदेश कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा. कांग्रेस महासचिव राकेश सिंहा ने कहा कि- झारखंड में संगठन के बेहद करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ बीजेपी विधायक सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी और विधायक अनंत ओझा पर भी बीजेपी के शीष नेतृत्व को भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके सहानुभूति सीपी सिंह जैसे नेता के साथ है. जो हमेशा अपनी पार्टी के प्रति समर्पित रहे हैं.

झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस नेताओं के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पार्टी में नये और पुराने नेता के बीच कोई भेदभाव नही है. बाबूलाल मरांडी की पैदाइश ही बीजेपी में हुई है, वैसे ही अमर कमार बाउरी भी हैं.

जब भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी तब भी झामुमो और काग्रेस ने झारखंड भाजपा पर खूब तंज कसा था. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ एम तौसिफ ने कहा कि भाजपा ने एक ऐसे व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है जो जनता के बीच से विश्वास पहले खो चुका है. वहीं झामुमो ने भी बाबूलाल पर तंज कसते हुए मोरहाबादी मैदान में कुतुब मीनार बनाने की बात कही है. झामुमो महासचिव सुप्रियो ने दावा किया था कि बाबूलाल के भाजपा में आने के बाद संगठन कई गुट में बट गया है. सभी खुद को आगे दिखाने की कोशिश कर रहे है. यह टूट झामुमो के लिए और बेहतर है. बाबूलाल भले ही प्रदेश अध्यक्ष बन गए लेकिन उनसे झारखंड में कुछ होने वाला नहीं है.

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