झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां एक बीड़ी मजदूर जीतराय सामंत पिछले 2 सालों से अपने खाते से पैसा निकालते गया. लेकिन मामला सामने तब आया जब पता चला की जीतराय का बैंक अकाउंट का आधार लिंक किसी अन्य महिला के खाते से हो गया है. जीतराय जो पैसे निकाल रहे थे वो पैसे दरअसल किसी लागुरी नाम की महिला का था.
महिला को जब ये आभास हुआ कि उसके खाते से पैसे गायब हो रहे हैं तो उन्होंने पिछले साल के सितंबर महीने में झारखंड राज्य ग्रामीन बैंक में शिकायत की. इस पर प्रबंधक ने कार्रवाई की तो पता चला की जीतराय का आधार लागोरी नाम की महिला के खाते से लिंक हो गया है. इस मामले पर कार्रवाई करते हुए जब जीतराय से पैसे मांगे गए तो वह पैसे देने में असमर्थ था. पिछले साल के अक्टूबर में उसके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ.
किसकी गलती?
बैंक कर्मचारियों नें अपने काम में लापरवाही की और जीतराय का आधार लिंक एक अन्य खाते से लिंक कर दिया. जीतराय जब अपने पैसे निकालने गया था तो उन्हें पता चला की एक और खाता उनके आधार से जुड़ा हुआ है. इसके बाद जीतराय उस खाते से पैसे निकालने लगे.
24 मार्च को इस मामले में जीतराय की गिरफ्तारी हो गई. गिरफ्तारी के बाद पैसे निकालने के मामले में उन्होंने बताया कि उन्हें लगा की कोरोना के बाद पैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भेज रहे है क्योंकि ऐसी चर्चा उनके गांव में थी. जब उन्होंने खाता चेक किया तो उसमें एक लाख रुपए थे. इसलिए वो जरुरत के हिसाब से पैसे निकालता था. अभी वो पैसे वापस करने में सक्षम नहीं है. वहीं, प्रशासन का कहना है कि पैसे निकालने के मामले में एक बैंक कर्मचारी जीतराय की मदद कर रहा था.
जीतराय में एसपी को एक आवेदन लिख ये जानकारी दी है कि बैंक कर्मचारी उसे मांसिक रूप से परेशान कर रहे है. साथ ही जो केस उनपर दर्ज है वो हटाया जाए क्योंकि गलती बैंक कर्मियों की है.
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