झारखंड में प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क होंगे माफ : हेमंत सोरेन

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बीते कल यानी 9 नवंबर को झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा ऐलान किया हैं, सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाएं JPSC और JSSC के आवेदन शुल्क को पूरी तरह मुफ्त़ करने पर जल्द फैसला लेने की बात कही है.
यानी आने वाले समय में झारखंड में JPSC और JSSC की फॉर्म भरने पर कोई भी शुल्क नहीम देनाहोगा. इसके लिए आवेदन बिल्कुल मुफ्त कर दिया जाएगा.

दरअसल 2018 में झारखंड की तत्कालीन सरकार ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के अंतराल ST/SC छात्र-छात्राओं पर मुकदमा कर दिया था , जिसे बीते कल हेमंत सोरेन की सरकार मे वापस ले लिया है,जिसके बाद राज्य के आदिवासी छात्र संघ और आदिवासी-मूलवासी संगठन सीएम हाउस पहुंचे और उन्हें अपनी खुशी जताते हुए आभार व्यक्त किया.

सीएम हेमंत सोरेन ने इस दौरान कहा कि उनकी सरकार बनने के पूर्व JPSC और JSSC द्वारा ली जाने वाली नियुक्ति परीक्षाओं का आवेदन शुल्क काफी ज्यादा हुआ करता था। रिपोर्ट्स के अनुसार 2019 से पहले झारखंड में प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन के लिए ST/SC के लिए कुल 150 और GENERAL/OBC तथा अन्य राज्य के निवासियों के लिए कुल 600 फीस हुआ करती थी.

जिसे अब हेमंत सोरेन की सरकार ने घटाने का निर्णय लिया हैं। साथ ही सीएम ने कहा कि प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को पूरी तरह माफ़ करने पर सरकार जल्द ही फैसला करेगी. उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्यान दें. आपको प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेज़ करने के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। यहाँ तक की विदेश में भी पढ़ाई के लिए शत प्रतिशत scholarship सरकार दे रही हैं.

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे निजी क्षेत्र हो या सरकारी .युवाओं को बड़े पैमाने पर रोज़गार देने की राह में सरकार लगातार काम कर रही है. कई विभागों में खाली पड़े हजारों पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं, तो कई पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है.आप इस सरकार पर विश्वास रखें. नियुक्तियों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होगी. अब छात्र सभी सुविधाओं से साथ छात्रावासों में रहेंगे. कल्याण विभाग के छात्रावासों को ठीक कराने का काम तेज़ी से चल रहा हैं. अब छात्र -छात्राओं को घर से अनाज लाने की ज़रूरत नहीं। सभी छात्रावासों में सरकार अनाज देगी साथ ही रसोंइए और SECURITYगार्ड भी होंगे।

CM ने कहा कि जेलों में सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित और पिछड़े बंद हैं, जो की वर्षों से मामुली मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं, क्योंकि इनके पास जमानत के लिए पैसे नहीं होते. ऐसे में इनको जमानत मिले और सरकार द्वारा इसके लिए संसाधन भी उपलब्ध कराया जाएगा.

सीएम बताते हैं की 40 वर्षों के संघर्ष और आंदोलन के बाद हमें अपना झारखंड राज्य मिला. इस क्रम में हज़ारों लोग शहीद हुए. फिर भी अलग राज्य बनने के 20 वर्षों के बाद आदिवासी -मूलवासियों को उनका अधिकार नहीं मिला. स्वाभिमानी झारखंडियों को हमेशा दिग्भ्रमित करने की कोशिश की गई। लेकिन, जब हमारी सरकार बनी तो आदिवासियों मूलवासियों दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान- सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रहे हैं.

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