जमीन घोटला मामले में हेमंत सोरेन के बाद अब ईडी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

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रांची में हुए जमीन घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दो बार समन भेज कर पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था. लेकिन हेमंत ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे. दूसरी समन जारी होने के बाद 24 अगस्त को भी हेमंत इस दफा भी ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे थे. इसके उलट उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रीट याचिका दायर कर दी थी. जिसके बाद ये कयास लगाये जा रहे थे कि ईडी भी सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है.

अब ये खबर सामने आई है कि ईडी के तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में  कैवियट फाइल की गयी है. फिलहाल सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है. सीएम हेमंत सोरेन ने जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है, उसमें उन्होंने न्याय एवं कानून मंत्रालय और ईडी निदेशालय को प्रतिवादी बनाया है.

क्या है पूरा मामला

  • 8 अगस्त को ईडी ने जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को समन जारी कर 14 अगस्त को ईडी दफ्तर में पेश होने को कहा.
  • 14 अगस्त को हेमंत सोरेन ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे.
  • 14 अगस्त को हेमंत ने ईडी को क पत्र लिख कर समन वापस लेने को कहा.
  • समन वापस नहीं लिया गया तब हेमंत ने कानून का सहारा लेने की बात कही था.
  • 19 अगस्त को ईडी ने हेमंत को दूसरा समन जारी किया. 24 अगस्त को पेश होने को कहा गया.
  • 22 अगस्त को हेमंत ने इस मामले में महाधिवक्ता और अपने लीगल टीम से सलाह ली.
  • 24 अगस्त को हेमंत ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे.
  • 24 अगस्त को हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में रीट याचिका दायर की.
  • ईडी के तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में कैवियट फाइल की गयी है.

हेमंत का ईडी पर ये है आरोप

उन्होंने ईडी पर ये आरोप लगाया था कि ये समन भेजा जाना राजनीति से प्रेरित है. साथ ही उन्होंने पत्र के माध्यम से बताया की जो भी उनके परिवार की संपत्ती के दस्तावेज हैं. उसे उनके द्वारा ईडी, लोकपाल और सीबीआई को पहले दिया जा चुका है. अगर ईडी चाहे तो इन एजेंसियों से दस्तावेज ले सकती है.

इसके अलवा जिस मामले में ईडी ने समन जारी किया था और जिस तारीख को लेकर किया था. उसपर भी सीएम नाराज दिखे थे. उनका कहना था ईडी और उसके राजनीतिक आका को मालूम है कि सीएम होने के नाते वे 15 अगस्त को झंडोतोलन करेंगें. तैयारी एक सप्ताह पहले से शुरु हो जाती है. 14 अगस्त को तो सबसे ज्यादा काम होता है, ऐसे में 14 अगस्त को उन्हें जानबूझ कर बुलाया गया है. ये झारखंड सरकार, सीएम और झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की साज़िश का हिस्सा है.

सीएम हेमंत सोरेन ने जो पत्र भेजा था, उसके अनुसार समन बुरी भावना से प्रेरित है और सरकार को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है.  उनके नाम पर सभी अचल संपत्तियां वैध हैं और आयकर विभाग को दिए गए रिटर्न में घोषित धन से अर्जित है.

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