Ranchi : कोविशिल्ड वैक्सीन के बाद अब कोवैक्सीन भी सवालों के घेरे में आ गई है. हालिया रिपोर्टस के मुताबिक ये पता चला है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में एक साल बाद साइड इफेक्टस देखने को मिले है.
साइड इफेक्टस जैसे सांस संबधी इंनफेक्शन, बल्ड क्लॉटिंग और स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गईं. इसके अलावे शोधकर्ताओं ने पाया कि टीनएजर्स, खास तौर पर किशोरियों और किसी भी एलर्जी का सामना कर रहे लोगों को कोवैक्सिन से खतरा है.
बता दें कि बनारस हिंदु यूनिवर्सिटी में कोवैक्सीन पर हुई ये रीसर्च इकोनॉमिक टाइम्स में सांइस जर्नल स्प्रिंगरलिंग में पब्लिस हुई है. हालांकि कुछ दिन पहले कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा था कि उनकी बनाई हुई वैक्सीन सुरक्षित है.
वहीं 2 मई को कंपनी ने कहा था कि कोवैक्सिन की सुरक्षा का मूल्यांकन देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया था. कोवैक्सिन बनाने से लगाने तक लगातार इसकी सेफ्टी मॉनिटरिंग की गई थी.
कोवैक्सिन के ट्रायल से जुड़ी सभी स्टडीज और सेफ्टी फॉलोअप एक्टिविटीज से कोवैक्सिन का बेहतरीन सेफ्टी रिकॉर्ड सामने आया है.
अब तक कोवैक्सिन को लेकर ब्लड क्लॉटिंग,थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया, TTS, VITT, मायोकार्डिटिस जैसी किसी भी बीमारी का कोई केस सामने नहीं आया है.