द एलिफेंट व्हिस्परर्स डॉक्यूमेंट्री ने ऑस्कर जीत कर इतिहास रच दिया है. 95th ऑस्कर अवार्ड जो रविवार यानी 11 मार्च को लॉस एंजिल्स डोलबाई थिएटर में आयोजित हुआ था. यह भारत के लिए काफी ऐतिहासिक दिन था. इस दिन भारत की झोली में दो ऑस्कर अवार्ड आई. इस डॉक्यूमेंट्री के अलावा आरआरआर के गाने नाटू-नाटू ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग कैटेगरी में ऑस्कर जीता है. 45 मिनट की ये डॉक्यूमेंट्री दुनियाभर में तारीफ बटौर रही है. इस बार के ऑस्कर अवार्ड में डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में कई अन्य मूवी भी नॉमिनेटेड थी. जैसे हॉलआउट, द मार्था मिशेल इफेक्ट और स्ट्रेंजर एट द गेट जैसी बड़ी फिल्मों का नाम भी नोमिनेशन में शामिल था.
क्या है डॉक्यूमेंट्री का स्टोरी और थीम?
‘द एलिफेंट व्हिस्पर्स’ कार्तिकी गोंस्लाव्स की बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री है जो तमिल भाषा में बनाई गई है. यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म पिछले साल 8 दिसंबर 2022 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी. इस फिल्म की कहानी काफी लोगों के दिलों को छू गई है.
45 मिनट में फिल्माए गए इस डॉक्यूमेंट्री में बोमन और बेली की कहानी है. जिसकी कहानी दो अनाथ हाथियों के बीच घूमती है. यह मूवी तमिलनाडु के मूदूमलाई टाईगर रिजर्व (Mudumallai Tiger Reserve) में और थैपाकाडू एलीफेंट कैंप (Theppakadu Elephant Camp) में शूट की गई है. यह एक पुराना एलीफेंट कैंप है. फिल्म की थीम जंगल की जरूरतों से लेकर जानवरों के साथ इंसानों के संबंध को बताती है. इस फिल्म का मुख्य उद्देशय प्रकृति, मनुष्य और जानवर के प्रेम को लेकर है. यह मूवी में रघु एक अनाथ हाथी रहता है. जिसकी मां की बिजली गिरने से मौत हो जाती है और वन विभाग वाले उस हाथी को बोमन और बेली जो एक कबीले प्रजाति से संबंध रखते है, उन्हें सौंप देता है. यह कपल रघु (अनाथ हाथी) को अपने बच्चे की तरह पालते और देखभाल करते हैं. उसके साथ ही साथ इस मूवी में जंगल और प्रकृति की अहमियत भी बताई गई है. जानवर और इंसान की बोंडिग को भी इस मूवी में दिखाया गया है. बता दें इस 45 मिनट की मूवी को बनाने में कार्तिकी गोंस्लाव्स और गुनीता मोंगा को 5 साल लगे हैं.
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