बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े सामने आने के बाद झारखंड में भी जातीय जनगणना की मांग का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. जहां एक ओर झारखंड में बीजेपी जातीय जनगणना को लेकर अपना स्टैंड क्लियर नहीं कर रही है, वहीं एनडीए के घटक दलों ने इसकी मांग तेज कर दी है. झारखंड में आजसू ने सीएम हेमंत सोरेन ने जातीय जनगणना की मांग कर दी है.
बीते रविवार को आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो समेत शीर्ष नेतृत्व की बैठक हुई. इस बैठक में पार्टीय के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, रामगढ़ विधायक सुनीता चौधरी, पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभी जिला अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रमुख नेता सम्मिलित हुए.
बैठक में पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने जातीय गणना को लेकर झारखंड सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जातीय गणना के मुद्दे पर राज्य की जनता को चिट्टी लिखकर और अन्य तरीके से बरगलाना बंद करें और जल्द से जल्द जातीय गणना करवाएं. यह मुख्यमंत्री के एकाधिकार का विषय है. सुदेश महतो ने कहा कि जातीय गणना इस राज्य में रहने वाले हर वर्ग के लोगों के लिए बहुत आवश्यक है. इसके आधार पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं, जिससे अंतिम पंक्ति पर बैठे व्यक्ति का भी विकास हो पाएगा.
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए गोमिया से आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भी कहा कि झारखंड सरकार को अपने खर्च पर जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए. आजसू पार्टी शुरू से ही झारखंड में जाति आधारित जनगणना के पक्ष में काफी मुखर रही है.
बैठक में जातीय जनगणना की मांग के साथ साथ अन्य अहम निर्णय भी लिए गए . आजसू पार्टी ने अपने संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया है. बैठक में कहा गया कि राज्य के सभी प्रखंड और नगर निकाय से पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करने वाले कम से कम एक महिला एवं एक पुरुष केंद्रीय समिति में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे.
यह भी निर्णय लिया गया गठित होनेवाली केंद्रीय समिति में युवाओं को विशेष रूप से सम्मिलित किया जाएगा. यहां तक कि इसके 50 प्रतिशत सदस्य युवा तथा 40 वर्ष से कम आयु वाले होंगे.
वहीं आजसू ने झारखंड में तब जातीय जनगणना की मांग कर दी है जब केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार जाति सर्वेक्षण के आंकड़े जारी करने को लेकर बिहार सरकार पर लगातार हमला कर रही है. न सिर्फ आजसू बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के कई सहयोगी घटक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, निषाद पार्टी, अपना दल और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर सभी जातीय जनगणना को लेकर भाजपा के रुख से अलग राग अलाप रहे हैं .
अब सवाल ये उठता है कि क्या आजसू के जातीय जनगणना की मांग के बाद झारखंड में BJP की मुश्किलें बढ़ने वाली है, क्या इस मांग के बाद झारखंड की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव आएगा, क्या आजसू बीजेपी में भी टकराव के आसार बनेंगे.
आने वाले समय में ही इन सवालों का जवाब मिल पाएगा.