झारखंड के इन कांग्रेस विधायकों को मिला शोकॉज नोटिस,कारण जानें

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अब कांग्रेस आलाकमान अपने ही विधायकों के विवादित बयान से परेशान होते नजर आ रही है. झारखंड से जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी और बरही विधायक उमाशंकर अकेला के विवादित बयानों से परेशान होकर आलाकमान ने इनको शोकॉज नोटिस यानी कारण बताव नोटिस तक दे दिया है. अब इन विधायकों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. दोनों से आलाकमान ने 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है.

जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी अपने बयानों को लेकर लगातार विवादों में बने रहते हैं. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन के बाहर विधायकों ने अपने ही पार्टी के खिलाफ बयान दे दिया. इरफान अंसारी ने राहुल गांधी को स्वर्गीय बोल दिया, हालांकि वो स्वर्गीय राजीव गांधी बोलना चाह रहे थे लेकिन गलती से स्वर्गीय राहुल गांधी बोल गए. उनकी इस गलती को तुरंत उमाशंकर अकेला ने सुधारा लेकिन तब तक सोशल मीडिया में रायता फैल चुका था. इरफान अंसारी का यह बयान आग की तरह फैल गया और लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल कर दिया.बात कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच गई और आलाकमान ने अंसारी के बयान से नाराज होकर उनको नोटिस भेज दिया.

इसी मानसून सत्र में उमाशंकर अकेला ने तो कह दिया कि मैं कांग्रेसी- भाजपा की विचार धारा से नहीं चलता,मैं जेपी आंदोलन की उपज हूं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि इंदिरा गांधी की तानाशाही का विरोध करते हुए जेल गया और 8 महिने जेल में रहा. उन्होंने खुद को सीपीआई की पैदाइश बताया है. फिर क्या था पार्टी ने इनके बयान को बड़ी गंभीरता से लिया और इन्हें भी कारण बताव नोटिस थमा दिया.

पार्टी के तरफ से शो कॉज नोटिस मिलते ही दोनों विधायक दिल्ली पहुंचे और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के समक्ष अपना पक्ष रखा. बीते 11 अगस्त को इरफान अंसारी ने अपने ट्वीटर हैंडल में दिल्ली यात्रा की वीडियो और फोटो भी शेयर की है.
इरफान अंसारी का यह कोई पहली बार नहीं था कि पार्टी के द्वारा उन्हें चेताया गया हो .बीते कुछ बयानों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें एक बार पहले भी संभलकर बोलने की नसीहत दी थी.

वैसे तो इरफान अंसारी राज्य के सबसे अधिक पढ़े लिखे विधायकों में से एक हैं ,इरफान अंसारी ने यूक्रेन से अपनी मेडिकल की पढ़ाई भी की है और राज्य के एक मात्र डॉक्टर विधायक हैं, लेकिन फिर भी ये हमेशा अपनी फिसलती जुवाब के कारण लगातार विवादों में घिरे रहते हैं.

इरफान अंसारी के विवादित बयानों की बात करें तो

मानसून सत्र के दौरान सदन के अंदर इरफान ने आदिवासियों और बाबूलाल से संबंधित एक बेतूका बयान दे दिया था इरफान अंसारी ने विधानसभा की कार्रवाई के दौरान कहा था कि बाबूलाल जी इतना तेज कैसे हो गए हैं? हमको समझ में नहीं आता है. आप एक आदिवासी नेता हैं, आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है.

विधायक इरफान अंसारी के इस बयान के बाद झारखंड बीजेपी नेता कांग्रेस और जामताड़ा विधायक पर हमलावर हो गए उन्होंने कांग्रेस विधायक को आदिवासी विरोधी और उनके इस बयान को आदिवासियों का अपमान बताया था.
बीते साल इरफान ने जामताड़ा में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के गालों से भी चिकनी सड़क बनाने का बयान दे दिया था.तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें बयान देने में संयम बरतने की नसीहत दी थी.

इरफान ने जामताड़ा में होने वाले साइबर क्राइम को भी वहां के लोगों का टैलेंट बता दिया है.
इतना ही नहीं अभी और सुनिए, इरफान अंसारी ने कुछ महीने पहले अपने एक बयान में कहा था कि -यदि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को हराना है तो यहां किसी मुस्लिम कैंडिडेट को चुनाव लड़ने के लिए उतारना होगा, क्योंकि सभी को पता है कि गोड्डा के मधुपुर, जरमुंडी, महगामा और गोड्डा में मुस्लिम वोटर्स की बड़ी तादाद है. इरफान यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि महगामा क्षेत्र को तो मुस्लिमों की बड़ी आबादी के चलते ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा जाता है. उनके इन मिनी पाकिस्तान वाले बयान को लेकर लोगों ने उन्हें घेरा था और खूब खरी खोटी सुनाया भी था.

वहीं बीते साल जून में रांची में सांप्रदायिक उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए दो मुस्लिम युवकों को इरफान ने शहीद का दर्जा देने की मांग कर डाली थी.

इरफान अंसारी ने मणिपुर हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कह दिया था कि भाजपा को वोट देने का मतलब है बच्चियों से रेप होने देना है. कांग्रेस आलाकमान लगातार इरफान के इस तरह के विवादित बयान से परेशान होकर उन्हें शो कॉज नोटिस दे दिया है. हालांकि पार्टी को अभी इन विधायकों के जवाब का इंतजार है. जवाब के आधार पर ही पार्टी तय करेगी कि दोनों पर क्या कार्रवाई की जाए.

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