झारखंड राजभवन की पुकार : लैपटॉप और मैकबुक लौटा दें महामहिम रमेश बैस!

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राजनेताओं और मंत्रियों को कोई भी दिक्कत होता तो वो अपनी फरियाद लेकर सीधे राजभवन पहुंच जाते हैं. लेकिन इस बार दिक्कत राजभवन में रहने वाले महामहिम को हुआ है. क्योंकि जो पूर्व के महामहिम थे वो राजभवन का लैपटॉप और मैकबुक अपने साथ ले गए.

राजभवन की ओर से रमेश बैस को पत्र लिखा गया और लैपटॉप लौटाने को लेकर आग्रह भी किया गया. लेकिन उनके तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया.

अभी झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन हैं, इससे पहले झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस थे. लेकिन 17 फरवरी को उनका ट्रांसफर महाराष्ट्र हो गया. जब रमेश बैस गए तो एक Apple का लैपटॉप और मैकबुक साथ ले गए. रमेश बैस को गए हुए दो महीने से ज्यादा हो गया लेकिन वो लैपटॉप वापस नहीं कर रहे हैं. वैसे मीडिया संस्थान दैनिक भास्कर की तरफ से रमेश बैस को संपर्क करने का कोशिश किया गया लेकिन कभी फोन लगा नहीं तो कभी फोन लगा तो किसी ने उठाया नहीं.

लेकिन एक अच्छी खबर भी है

झारखंड के नए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के आते ही उन्होंने राजभवन का खर्च 75 प्रतिशत तक कम कर दिया. पिछले राज्यपाल रमेश बैस के पास 18 निजी कर्मचारी थे. जिनका पेमेंट सरकारी फंड से होता था.

राज्यपाल का PA भी नहीं और एकेडमिक एडवाइजर ऐसे जो पैसा नहीं लेते

वहीं, सी पी राधाकृष्णन, अभी तक अपना पीए नहीं रख पाए हैं. हाल ही में सीपी राधाकष्णन ने अपने एकेडमिक एडवाइजर के पद के लिए बालागुरु स्वामी का चयन किया. वे यूपीएससी के सदस्य रह चुके है, साथ ही कई अहम पद पर भी रह चुके है. इन सब चीजों के बावजूद वे वेतन नही लेगें. स्वामी ने कहा कि जब वो सलाह देने आएं या यूनिवर्सिटी का निरीक्षण करने आएं तो उन्हें बस एक गाड़ी और रहने खाने की व्यवस्था मिल जाए तो काफी होगा.

महामहिम सीपी राधाकृष्णन का अपने अर्दलियों को साफ आदेश है कि कोई उनका जूता नहीं छुएगा. उन्होंने साफ कहा है कि कोई उनका जूता उठाएगा तो सस्पेंड कर दिया जाएगा.

 

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