Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट से अपना नामांकन दाखिल किया है. लेकिन क्या आप राज्य के मुखिया के बारे में जानते है कि वो कितने पढ़ लिखे है. कहां तक उन्होंने अपनी डिग्री ले रखी है. साथ ही कौन सी डिग्री ली है. अगर नहीं जानते हैं तो आज हम इस वीडियो आपने इन्ही सवालों का जवाब सिलसिलेवार ढंग से देंगे.
दरअसल हेमंत सोरेन ने कल नामांकन दाखिल करने के दौरान खुद इसकी जानकारी दी है. हेमंत सोरेन ने अपने चुनावी हलफनामें में खुद बताय है कि वे कितने पढ़े लिखे हैं. इसके अलावे क्या कुछ बताया है.
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 20 को होना है. वहीं सभी दल के प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं. नामांकन के दौरान सभी प्रत्याशी चुनाव आयोग को ऐफीडेफिट सौंपते हैं. जिसमें उनसे जुड़े कई चीजों का जिक्र हुआ रहता है. उनके पास कितनी संपत्ति है, कितने पढ़े लिखे है, और भी कई चीजों की जिक्र रहता है.
हेमंत सोरेन के पास है ये डिग्री !
बहरहाल हम वापस अपने मुद्दे पर आते हैं. हेमंत सोरेन ने साहिबगंज जिले के बरहेट विधानसभा क्षेत्र से पर्चा दाखिल किया है. वहीं चुनावी हलफनामें में उन्होंने बताया कि वे 12 वीं तक पढ़ाई की है. हेमंत सोरेन ने बताया कि वे 1994 में पटना विश्वविद्यालय से साइंस में इंटरमीडिएट की डिग्री ली है.
BIT मेसरा में लिया था दाखिला
इसके अलावे आपको बता दें कि हेमंत सोरेन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बीआईटी मेसरा (रांची) में दाखिला लिया. मगर, पारिवारिक वजहों से उन्होंने उसकी पढ़ाई पूरी नहीं की. हेमंत सोरेन के मुताबिक वो पढ़ने में ठीक थे, मगर पारिवारिक हालात कुछ ऐसे बन गए कि उनके लिए रेगुलर कॉलेज अटेंड करना संभव नहीं था. जिसके चलते उनकी पढ़ाई पहले साल ही अधूरी रह गई. उसके बाद वो फिर बीआईटी मेसरा नहीं लौटे. चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार भी उन्होंने पढ़ाई छोड़ने की बात बताई है.
2005 में हुई थी राजनीति में एंट्री
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक हेमंत सोरेन की राजनीति में एंट्री 2005 में हुई थी, हालांकि राजनितिक गालियारों में उनकी क्षमता को लेकर कई तरह की बातें होती रहती थी. लेकिन साल 2019 में चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर उन्होंने साबित कर दिया था कि वो किसी से कम नहीं हैं. बता दें कि 2005 में राजनीति में एंट्री करने के बाद हेमंत सोरेन ने दुबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा.
राज्यसभा सांसद भी रह चुके है हेमंत
हेमंत सोरेन जून 2009 से जनवरी 2010 तक राज्यसभा सांसद भी रहे. सितंबर 2010 में अर्जुन मुंडी के नेतृत्व में बीजेपी जेएमएम गठबंधन की सरकार बनी जिसमें हेमंत सोरेन उपमुख्यमंत्री बने. साल 2013 में वो सबसे युवा मुख्यमंत्री बने और दिसंबर 2014 तक इस पद पर रहे.
वहीं साल 2019 में वो झारखंड में झामुमो- आरजेडी कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल किया और हेमंत सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. हालांकि राज्य में बदलते राजनीतिक हलातों को देखते हुए हेमंत ने इस्तीफा दिया था जिसके बाद जेल से आने के बाद यानि पांच महीने बाद फिर हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली.