देश भर में किसान,पशुधन और पालकों की उत्पादों की सुरक्षा के लिए कृषि बीमा सबसे महत्वपूर्ण साधन है. कृषि के क्षेत्र में, प्राकृतिक आपदाएँ और बाज़ार में उतार चढ़ाव बिना किसी चेतावनी के भी आ सकते हैं ऐसे में कृषि बीमा किसानों को एक बहुत महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान करता है.सकार सभी स्तर पर किसानों को सुरक्षा प्रदान करने काम करती रहती है. झारखंड में भी सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं लेकर आई है. हाल ही में सरकार ने झारखँड के किसानों का 2 लाख तक कर्ज माफ करने की स्कीम लेकर आई और अब राज्य के किसानों के लिए सरकार बीमा की सुविधा लेकर आई है जिसके लिए किसानों को मात्र 1 रुपए देना होगा.
झारखंड में अब किसान अपनी फसल का बीमा 1 रुपए में करा सकेंगे, जी हां सिर्फ 1 रुपए में. कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने मंगलवार को खरीफ फसलों के लिए हुए वर्कशॉप में यह घोषणा की .पांच एकड़ तक के फसल बीमा के लिए राज्य के किसानों को सिर्फ एक रुपए देने होंगे.
बता दें फसल बीमा एक प्रकार की सुरक्षा है जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं या कृषि बाजार में गिरावट के कारण होने वाले नुकसान से बचाती है. यह बस एक प्रतिभूति नहीं है; यह कृषि समुदाय के लिए जीवन रेखा मानी जा सकती है. छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों लिए यह बहुत सहायक साबित होती है.
वर्तमान परिपेक्ष्य की तुलना में इस योजना से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा. बता दें अभी एक एकड़ फसल के बीमा के लिए 1200 रुपए तक का प्रीमियम देना पड़ता है. इस हिसाब से देखा जाए तो 5 एकड़ के लिए उन्हें 6 हजार रुपए का प्रीमियम देना पड़ता है. जो सभी छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए देना मुश्किल हो जाता है. अब उन्हें 6 हजार रुपए के बदले मात्र एक रुपए का ही प्रीमियम भुगतान करना पड़ेगा.
जो भी किसान अपनी फसल का बीमा करवाना चाहते हैं वो 31 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं. किसान आवेदन खुद से या प्रज्ञा केंद्र से भी कर सकते हैं. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तक है. ध्यान रहे ये आवेदन सिर्फ ऑनलाइन जमा होंगे ,किसान ऑफलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं.
झारखंड में इस योजना के तहत बटाईदारों को भी लाभ मिलेगा, लेकिन इसके लिए बटाईदारों को कुछ जरुरी दस्तावेज की जरुरत पड़ेगी. जिसमें बटाईदार का आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, खेत का दस्तावेज, खाता और खसरा नंबर, बुआई प्रमाण पत्र आदि देने होंगे.
वर्कशॉप के दौरान कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने बताया कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण 62 फीसदी तक धनरोपनी हो चुकी है. कुछ जिलों के लिए चिंता है, लेकिन मौसम की भविष्यवाणी को देखकर लगता है कि इस साल सुखाड़ का प्रभाव कम हो जाएगा. इस मौके पर कृषि मंत्री ने झारखंड राज्य मिलेट मिशन योजना पोर्टल और एफपीओ पोर्टल भी लॉन्च किया.