झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का 6 अप्रैल, 2023 को निधन हो गया. इनके निधन पर पूरे राज्य में शोक है. जगरनाथ महतो राज्य के एकलौते नेता थे जिन्होंने 1932 पर अपना पाला कभी नहीं बदला. ऐसे में आम लोगों के दिलों-दिमाग में एक सवाल हैं अब उनका मिशन कौन पूरा करेगा? झारखंडियों की आवाज सड़क से लेकर सदन कौन उठाएगा? 1932 पर मुखर होकर कौन बात करेगा? 1932 पर अब कौन लड़ेगा? ऐसे कई सवाल हैं जो झारखंड की जनता उनसे करना चाहती है लेकिन इसे सुनने के लिए अब इस दुनिया में जगरनाथ महतो नहीं रहे.
1932 से था खास लगाव
जगरनाथ महतो का 1932 से खास लगाव था. हेमंत कैबिनेट से 1932 पास होते ही सभी मंत्री, विधायकों को उन्होंने बधाई दी थी. इसके साथ ही उन्होंने पूरे झारखंडवासियों के लिए उसे एतिहासिक दिन बताया था.
गाड़ियों का नंबर भी था “1932”
जगरनाथ महतो शुरुआती दौर से ही 1932 के पक्षधर रहे हैं. 1932 के समर्थन में उन्होंने अपनी सभी निजी गाड़ियों का नंबर भी 1932 ही रखा था. इनके जाने के साथ ही उनका 1932 प्रेम अमर रह गया.
12वीं पास भी करना चाहते थे जगरनाथ महतो
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का 1932 के अलावा 12वीं पास करने का सपना भी अधूरा रह गया. 12वीं के लिए उन्होंने 2020 के अगस्त में डुमरी के नवाडीह के देवी महतो मेमोरियल इंटर कॉलेज में एडमिशन कराया था. उनका एडमिशन कक्षा 11वीं में हुआ था. साल 2022 में उन्हें 12वीं बोर्ड की परीक्षा देनी थी. लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्री परीक्षा में नहीं बैठ पाए थे.
इस साल उन्हें 12वीं की परीक्षा देनी थी. लेकिन परीक्षा से पहले 14 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी, उसी दिन उन्हें चेन्नई के MGM अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज यानी 06 अप्रैल को उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के साथ ही उनका 12वीं पास होने का सपना अधूरा रह गया. बता दें कि डुमरी के नवाडीह के देवी महतो मेमोरियल इंटर कॉलेज का निर्माण 2006 में जगरनाथ महतो ने ही कराया था. उस वक्त वो डुमरी के विधायक थे.