हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार ने खोल दिए सारे राज़, कुबूला जमीन हड़पने में की थी मदद

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बड़गाई अंचल में बरियातू की लगभग 8.46 एकड़ ज़मीन हड़पने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया। जांच एजेंसी ने 30 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह, बड़गाई के पूर्व राजस्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, राजकुमार पाहन, और हिलेरियस कच्छप के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।

अभिषेक प्रसाद ने जमीन को अवैध तरीके से हासिल करने में हेमंत सोरेन की मदद की

चार्जशीट में ईडी ने कई गंभीर खुलासे किए हैं। इसमें बताया गया है कि हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद (जो पिंटू के रूप में भी जाने जाते हैं) ने इस जमीन को अवैध तरीके से हासिल करने में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मदद की। अभिषेक ने 18 मार्च को पूछताछ में स्वीकार किया कि हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही सीएमओ में अपने पीए, उदय शंकर को इस जमीन की मापी करने और उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद उदय शंकर ने बड़गाई के पूर्वी सीओ, मनोज कुमार को उस जमीन की पुष्टि करने के लिए निर्देश दिया। फिर मनोज ने भानु प्रताप को सीएमओ के उस आदेश को पालन करने का निर्देश दिया। अभिषेक ने पूर्व सीएम हेमंत की दो अन्य अचल संपत्तियों के बारे में भी खुलासा किया है। उसने उदय शंकर को उन संपत्तियों की जाँच करने के निर्देश 12 अक्टूबर 2022 को वॉट्सएप पर दिए थे। उसने बताया कि भानु प्रताप इन संपत्तियों के मामले में अवैध कब्जे के संलग्नता में हेमंत सोरेन की मदद कर रहा था।

यह जमीन 2010 से ही हेमंत सोरेन के कब्जे में थी

ईडी ने अदालत को सूचित किया है कि बरियातू की यह जमीन 2010 से ही हेमंत सोरेन के कब्जे में थी। वे इस जमीन पर कानूनी रूप से कब्जा लेने के लिए जाली कागजात तैयार करना चाहते थे। इसके लिए आर्किटेक्ट विनोद कुमार की सलाह पर वहां बैंक्वेट हॉल बनाने की योजना बनाई गई थी। इस जमीन की कीमत लगभग 31 करोड़ रुपये है, जिसे ईडी ने जब्त कर लिया है।

भानु प्रताप से अनजान बताया

जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि हेमंत को गिरफ्तार किया जाने के बाद उनका बयान दर्ज किया गया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने इस जमीन, बरामद दस्तावेज, और भानु प्रताप से अनजान बताया। उन्होंने कहा कि जमीन उनकी नहीं है और न ही वे जब्त दस्तावेजों के बारे में कुछ जानते हैं। भानु प्रताप के साथ भी कोई संपर्क नहीं है। हालांकि, पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे दिल्ली स्थित शांति निकेतन से 28 जनवरी की रात को अपनी नीली BMW कार से निकले थे। यह कार हरियाणा रजिस्टर्ड है।

बड़गाई अंचल में छापेमारी में एक भूरे रंग की फाइल मिली थी

दैनिक भास्कर के मुताबिक, चार्जशीट में कहा गया है कि बड़गाई अंचल में छापेमारी में एक भूरे रंग की फाइल मिली थी, जो 44 पेज की लीज दस्तावेज से संबंधित थी। यह लीज 21 दिसंबर 2011 को चंद्रिका पाहन, बिरसा पाहन व अन्य की रंजीत सिंह नामक व्यक्ति से हुई थी। रंजीत का पता हरमू हाउसिंग कॉलोनी के सोना सोभरन मेमोरियल सोसाइटी है। जांच में पता चला कि रंजीत सिंह हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन के पार्टनरशिप एग्रीमेंट का हिस्सा है। ईडी को जो फाइल मिली है, उस पर सीएमओ पिंटू अर्जेंट लिखा हुआ है, जिसपर पिंटू का नाम लिखकर पेन से काट दिया गया है। इस फाइल में कई हस्तलिखित नोट व अन्य दस्तावेज हैं। एक अन्य फाइल पर सीएम बड़गाई भुइहरी लिखा हुआ है। ईडी ने जांच में पाया कि यह मामला केवल 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित नहीं है, बल्कि उस जमीन के बगल की एक अन्य जमीन को हड़पने की योजना से संबंधित है। हेमंत सोरेन यह जमीन अपने करीबी रंजीत सिंह के माध्यम से हड़पने की योजना बना रहे थे।

बीएमडब्ल्यू कार का संचालन वे खुद करते थे

जांच एजेंसी ने बताया कि हेमंत ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि दिल्ली में उनके निवास से उन्हें मिली बीएमडब्ल्यू कार का संचालन वे खुद करते थे। इस कार का नंबर एचआर26ईएम-2836 है। इस कार को हेमंत सोरेन ने खुद बर्ड ऑटोमोटिव शोरूम में जाकर खरीदा था। यह कार मेसर्स भगवान दास होल्डिंग्स प्रा. लि. नाम से खरीदी गई थी। इसका ड्राइवर झारखंड भवन, नई दिल्ली में काम करता है। ड्राइवर ने भी स्वीकार किया है कि यह कार हेमंत सोरेन की निजी कार है।

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