साहिबगंज एसपी नौशाद आलम ने ईडी की पूछताछ में नहीं दिया संतोषजनक जवाब ,फिर से होगा समन

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नौशाद आलम पर एक हजार करोड़ रुपए के अवैध खनन एवं मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी के गवाह पर दबाव डालने और ईडी के अफसरों को फंसाने की कथित तौर पर साजिश रचने का आरोप है।

एसपी पर आरोप है कि उन्होंने अवैध खनन मामले में ईडी के गवाह रहे विजय हांसदा को भड़काया और उसे कानूनी सलाह के लिए एयर टिकट की व्यवस्था कर उसे भिजवाया।

ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि वे ईडी के अफसरों को एससी-एसटी केस में फंसाने की साजिश रच रहे थे।

नौशाद आलम के खिलाफ जमीन पर जबरन कब्जा दिलाने से लेकर अवैध बालू तस्करी से संबंधित भी डेढ़ दर्जन शिकायतें भी ईडी को मिली हैं। इन सभी बिंदुओं पर बीते कल उनसे पूछताछ की गई. इडी ने साढ़े नौ घंटे तक एसपी से पूछताछ की, ईडी के किसी भी सवाल का एसपी नौशाद आलम ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। ईडी उनके गोलमटोल जवाब से असंतुष्ट है और उनसे फिर से पूछताछ के लिए उन्हें जल्द ही समन करेगी।

नौशाद आलम भारतीय पुलिस सेवा के 2010 बैच के अफसर हैं। उन्हें ईडी ने पहले 22 नवंबर को उपस्थित होने का समन भेजा था, लेकिन उन्होंने इसके जवाब में ईडी को पत्र भेजकर दूसरी तारीख मांगी थी। इसके बाद ईडी ने उन्हें दूसरी बार समन जारी करते हुए आज उपस्थित होने को कहा था।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, मामला यह था कि साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करने में शामिल लोगों द्वारा किए जाने वाले विस्फोट से ग्रामीणों के घर में दरारें पड़ जाने के मामले को लेकर नींबू पहाड़ के प्रधान विजय हांसदा ने 2 मई 2022 को ग्रामीणों के साथ वहां पहुंचा. अवैध खनन बंद कराने को कहा था. लेकिन अवैध खनन में शामिल लोगों ने अंगरक्षकों के सहारे सभी को वहां से भगा दिया था. इसके बाद प्रधान विजय हांसदा ने एसटीएससी थाने में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव व सुभेष मंडल सहित अन्य के खिलाफ अवैध खनन करने व जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज करायी थी.

याद हो कि ईडी की टीम 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले को लेकर 8 जुलाई 2022 को जिले के तकरीबन 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी. कई पत्थर व्यवसायी के घर से कई कागजात व मोटी रकम हाथ लगे थे. कई को इडी का समन दिया गया, जो अपने निर्धारित समय पर ईडी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी बात को रखें. जांच का दायरा बढ़ता गया. मामला बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा तक पहुंचा. पंकज मिश्रा ने भी इडी की टीम को चुनौती दी थी. 19 जुलाई को पंकज मिश्रा ईडी के समक्ष प्रस्तुत हुए. फिर अब तक 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले के आरोप में जेल में बंद है. इसी दौरान विजय हांसदा का केस जो आगे चलकर बहुत बड़ा विवाद बनने वाला था. मामले में अचानक से उछाल आया.

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