झारखंड विधानसभा का बजट सत्र जारी है. शनिवार को सदन के भीतर अजीब वाकया हुआ. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी का मोबाइल फोन जब्त करा लिया. इससे सदन में मंत्री हफीजुल के लिए असहज और शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई. दरअसल, चलते सदन के बीच मंत्री मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे. पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने इस पर आपत्ति जताई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी उनको मोबाइल फोन पर बात नहीं करने का इशारा किया.
प्रदीप यादव ने मंत्री हफीजुल अंसारी को रोका
शनिवार को सदन में पोड़ैयाहाट से कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रदीप यादव किसी मुद्दे पर बोल रहे थे. इसी दौरान मंत्री हफीजुल अंसारी फोन पर किसी से बात करने में व्यस्त थे. प्रदीप यादव ने स्पीकर से कहा कि वह मंत्रीजी के फोन पर बात करने से डिस्टर्ब हो रहे हैं. सदन की कार्यवाही प्रभावित हो रही है. स्पीकर ने मामले का तुरंत संज्ञान लिया और मंत्री हफीजुल हसन अंसारी से कहा कि वह अपना मोबाइल फोन मार्शल के पास जमा करा दें. मार्शल ने स्पीकर के निर्देश पर मंत्री का फोन ले लिया. लंच के बाद मोबाइल फोन वापस कर दिया. हालांकि, इस घटना से सदन की गरिमा को धक्का लगा है.
विधायक सीपी सिंह ने स्पीकर के कदम को सराहा
इस विषय पर रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि लोग सत्ता के नशे में चूर हैं. सदन के भीतर मोबाइल पर बात करना अनुचित है. बावजूद इसके वह बात कर रहे थे. स्पीकर ने दबी जुबान में ही सही पर सही रुतबा दिखाया है. उन्होंने कहा कि वे माननीय हैं. मोबाइल पर बात कर सकते हैं. वीडयो गेम खेल सकते हैं. वहीं, प्रदीप यादव ने कहा कि जरूरी बात होगी इसलिए वे फोन पर बात कर रहे होंगे. उन्होंने कहा कि सदन में मोबाइल ले जाना कोई अवरोध नहीं है लेकिन जोर से बात करने से व्यवधान पहुंचता है.
सदन के भीतर मोबाइल के इस्तेमाल पर विवाद
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में भी मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर विवाद हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सदस्यों के मोबाइल फोन लेकर सदन में आने पर आपत्ति जता चुके हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं में ऐसे भी केस हुए हैं जहां चलते सत्र के बीच माननीय पोर्न वीडियो देखते पकड़े गये हैं. यह सदन की गरिमा के खिलाफ है. वहां जरूरी चर्चा होनी चाहिए.