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निशिकांत दुबे ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग फिर से क्यों कर दी?

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गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर से संताथ परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या का मुद्दा लोकसभा में उठाया.

निशिकांत दुबे ने कहा कि अगला परिसीमन इन्हें अलग करके होना चाहिए क्योंकि इनके कारण आदिवासियों की सीटें जा रही हैं. उन्होंने सदन में  शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए सरकार से यह आग्रह भी किया कि इस समस्या के समाधान के लिए संथाल परगना को अगल राज्य बनाना चाहिए. इस दौरान निशिकांत दुबे ने कहा कि यादि जरूरत हो तो झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर भी विचार किया जाए.

आगे कहा यह मुद्दा हिंदु मुसलमान का नहीं है. साल 1951 से 2011 के बीच पूरे देश में मुस्लिम आबादी चार प्रतिशत बढ़ी , लेकिन संथाल परगना में 15 प्रतिशत बढ़ी. यह बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण हुआ है.

उनके मुताबिक 1951 में संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी 45 प्रतिशत थी जो 2011 में घटकर सिर्फ 28 प्रतिशत रह गई. जबकि इसी अवधि में मुसलमानों की आबादी नौ प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई.

निशिकांत दुबे ने इस मामले में चिंता जाहिर की है. और कहा कि मेरा आग्रह है कि परिसीमन बांग्लादेशियों को अलग करके ही किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे इलाके को एक प्रदेश बना सकते है तो बनाइए.

 

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