1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले घायल जवान पोदना बालमुचु विगत 16 दिनों से राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं. जवान बालमुचु अपने पूरे परिवार के साथ अपनी मागों को लेकर धरना दे रहें हैं.
बता दें पोदना सरकार से जमीन और पेंशन की मांग कर रहे हैं जिसे देने का वादा तत्कालीन सरकार ने किया था. लेकिन उन्हें अब तक नहीं मिला है.धरने के दूसरे दिन से राष्ट्रीय शक्ति युवा संगठन जवान बालमुचु का समर्थन कर रही हैं. बता दें कि रविवार को धरने के 16वें दिन बैठक रखी गयी. जिसमें यह निर्णय लिया गया कि आगामी 20 दिसंबर को राष्ट्रीय शक्ति युवा संगठन जवान बालमुचु के साथ विधानसभा तक पैदल मार्च करेंगे.
पोदना बालमुचु का कहना है कि युद्ध के दौरान जितने भी धायल जवान थे उन्हें सरकार के द्वारा 5 एकड़ जमीन दिया जाना था. लेकिन 3 दशक बीत गये अभी तक ना तो उन्हें जमीन मिल सकी है ओर ना ही कोई पेंशन. राज्य सरकार से बालमुचु का पूरा परिवार यही गुहार लगा रहा है कि सरकार जल्द ही उनके हित में कोई निर्णय लें. गौरतलब है कि पोदना बालमुचु भारत-पाक युद्ध के दौरन बिहार रेंजिमेंट में थे. उस वक्त बिहार सरकार के द्वारा जमीन देने की बात कही गयी थी.
बता दें कि पोदन बालमुचु इससे पहले भी मुख्यमंत्री से मिलने चाईबसा से 150 किलोमीटर पैदल चलकर रांची पंहुचे थे. तब उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगों को रखा था. उस वक्त मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था की उनकी मांगों को 10 दिनों के भीतर पूरा कर दिया जायेगा. लेकिन देखते देखते दिन साल में बदल गये पर बालमुचु की मांगे पूरी नहीं हो पायी. सब्र का बांध टूट गया और अब पोदना बालमुचु धरने पर हैं.