बाबूलाल मरांडी ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कहा कि हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में जो खामियां रह गई थी, उसे सबसे पहले दूर करने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है उसका पूरी ईमानदारी से निर्वहन करुंगा. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संगठन को मजबूत बनाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. इसके लिए अपनी पूरी क्षमता और ताकत झोंक देंगे. उन्होंने कहा कि दल को एकजुट रखकर उसे साथ लेकर चलना एक बड़ी चुनौती है लेकिन मैं शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन और कार्यकर्ताओं के सहयोग से कामयाबी पा लूंगा. उन्होंने कहा कि सदन के भीतर और बाहर मैं समान रूप से पार्टी का नेतृत्व करूंगा. हमारी पार्टी के सभी विधायक जानकार हैं. वरीय हैं. जब पिछले कार्यकाल में भाजपा द्वारा नामित नेता प्रतिपक्ष को स्पीकर की मंजूरी नहीं मिली तब भी हमारे विधायकों ने एकजुट होकर सरकार के सामने जनहित के मुद्दों को रखा.
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, केंद्रीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी, केंद्रीय पर्यवेक्षक श्री @byadavbjp जी, श्री @drlaxmanbjp जी, प्रदेश प्रभारी श्री @LKBajpaiBJP जी, क्षेत्रीय संगठन… pic.twitter.com/5gUCAj1nPm
— Babulal Marandi (@yourBabulal) March 6, 2025
बाबूलाल मरांडी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद दिया
बाबूलाल मरांडी ने उनको विधायक दल का नेता चुने जाने पर पर्यवेक्षक मंत्री भूपेंद्र यादव औऱ ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और झारखंड भाजपा प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी धन्यवाद दिया. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में तेजी से काम होगा.
हेमंत सरकार के पिछले कार्यकाल में भी थे विधायक दल का नेता
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के 3 महीने बाद झारखंड में भाजपा ने विधायक दल का नेता चुना है. बाबूलाल मरांडी को ही सदन के भीतर नेता प्रतिपक्ष के लिए नामित किया जाएगा. इस बार उनके नाम पर कोई आपत्ति भी नहीं होगी क्योंकि उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रूप में ही राजधनवार विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है. दरअसल, फरवरी 2020 में जब बाबूलाल मरांडी लंबे समय बाद भाजपा में आए तो उनको ही विधायक दल का नेता चुनकर नेता प्रतिपक्ष के लिए नामित किया गया लेकिन स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने उनके नाम को मंजूरी नहीं दी क्योंकि, उनके खिलाफ दल-बदल का मामला स्पीकर न्यायाधिकरण में चल रहा था. हेमंत सोरेन सरकार के पिछले कार्यकाल के आखिरी साल में अमर बाउरी नेता प्रतिपक्ष बने.
बाबूलाल मरांडी अलग झारखंड राज्य के पहले सीएम बने थे
बाबूलाल मरांडी अलग झारखंड राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं. वह केंद्रीय में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री रह चुके हैं. सांसद और कई बार के विधायक रह चुके हैं. बाबूलाल मरांडी ने 90 के दशक में भी प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला है. 2006 में भाजपा से मोहभंग हुआ तो झारखंड विकास मोर्चा नाम से अलग पार्टी बना ली. हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद झाविमो का भाजपा में विलय कर दिया.