सीएम नीतीश कुमार ने पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित सेपर टाकरा वर्ल्ड कप-2025 के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान रुकवा दिया और फिर स्टेडियम का चक्कर लगाने चले गए. बाद में जब मंच पर लौटे और राष्ट्रगान शुरू हुआ तो सावधान की मुद्रा में खड़े होने की जगह स्टेडियम में मौजूद जनता का अभिवादन करने लगे. इस दौरान प्रधान सचिव दीपक कुमार मुख्यमंत्री को रूकने का इशारा करते रहे लेकिन वह नहीं रूके. सीएम नीतीश के इस व्यवहार की चर्चा शुरू हो गई है.
राजनीतिक विरोध अपनी जगह है पर नीतीश जी के स्वास्थ्य को देखकर दुख होता है। सदन में आपा खो देते हैं। राष्ट्रगान के दौरान भी स्थिर नहीं रह पाते। अब वे सार्वजनिक उपस्थिति के हालत में नहीं हैं। उनकी दशकों की साख बर्बाद हो रही है। @NitishKumar pic.twitter.com/1gaMbRINak
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) March 20, 2025
नीतीश कुमार ने क्यों रुकवा दिया राष्ट्रगान
गौरतलब है कि उद्घाटन समारोह में पहले तो नीतीश कुमार ने यह कहकर राष्ट्रगान रुकवा दिया कि पहले स्टेडियम का चक्कर लगाकर आते हैं फिर शुरू कीजिएगा. उनके इशारे पर मंत्री विजय चौधरी ने राष्ट्रगान रुकवाया भी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थोड़ी देर स्टेडियम का चक्कर लगाया और वापस मंच पर लौट आये. राष्ट्रगान शुरू हुआ लेकिन यहां भी मुख्यमंत्री का व्यवहार असामान्य दिखा. वह दर्शकों का अभिवादन स्वीकारते रहे. इतना ही नहीं. पत्रकार दीर्घा की ओर देखकर हाथ भी जोड़ लिये. गौरतलब है कि राष्ट्रगान को बीच में रुकवाना असंवैधानिक कृत्य समझा जाता है. इस पर बकायदा सजा का प्रावधान है.
राष्ट्रगान का अपमान करने पर ये है सजा
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के तहत राष्ट्रगान के दौरान जो व्यक्ति खड़ा नहीं होता इसे असंवैधानिक व्यवहार के रूप में देखा जाता है. राष्ट्रगान के शब्द या संगीत में परिवर्तन नहीं किया जा सकता. एक बार राष्ट्रगान शुरू हो जाने पर इसे बीच में रोका नहीं जा सकता. जानबूझकर राष्ट्रगान का अपमान करने पर दंड का प्रावधान है. इसे राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान के तौर पर समझा जाता है.
नीतीश कुमार का व्यवहार चर्चा में क्यों रहता है!
पिछले कुछ समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सार्वजनिक व्यवहार को लेकर चर्चा का बाजार गरम रहा है. विपक्ष नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठाता रहा है. नेता विपक्ष तेजस्वी यादव कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य उन्हें बिहार का शासन चलाने की अनुमति नहीं देता. सहयोगी बीजेपी के भी कई नेता दबी जुबान से नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठाते रहे हैं. 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जब पुलिस उन्हें श्रद्धांजलि दे रही थी तो नीतीश कुमार अचानक ताली बजाने लगे.
बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने ट्विटर पर नीतीश कुमार का वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि राष्ट्रगान बजते समय ये कैसा व्यवहार है? बार-बार नीतीश कुमार जी के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोग क्या बेवजह आशंका जता रहे हैं.
राष्ट्रगान बजते समय यह कैसा व्यवहार है?
बार बार @NitishKumar जी के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोग क्या बेवजह आशंका जता रहे हैं? pic.twitter.com/YJpkqFad0M— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 20, 2025
वहीं 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं पुष्पम प्रिया चौधरी ने लिखा कि राजनीतिक विरोध अपनी जगह है लेकिन नीतीश जी के स्वास्थ्य को देखकर दुख होता है. सदन में आपा खो देते हैं. राष्ट्रगान के दौरान भी स्थिर नहीं रह पाते. अब वे सार्वजनिक उपस्थिति की हालत में नहीं हैं. उनकी दशकों की साख बर्बाद हो रही है.
राजनीतिक विरोध अपनी जगह है पर नीतीश जी के स्वास्थ्य को देखकर दुख होता है। सदन में आपा खो देते हैं। राष्ट्रगान के दौरान भी स्थिर नहीं रह पाते। अब वे सार्वजनिक उपस्थिति के हालत में नहीं हैं। उनकी दशकों की साख बर्बाद हो रही है। @NitishKumar pic.twitter.com/1gaMbRINak
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) March 20, 2025