मईंयां सम्मान योजना

‘हम सरना धर्म कोड लेकर ही रहेंगे’, गुमला में गरजीं कल्पना मुर्मू सोरेन

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झारखंड में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है.

गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने गुमला के सिसई में आयोजित मईंया सम्मान योजना कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमें सरना धर्म कोड से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.

कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि हम आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लेकर ही रहेंगे.

 

कल्पना मुर्मू सोरेन ने केंद्र पर लगाया आरोप
कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि झारखंड की सरकार हमारी अपनी सरकार है.

आबुआ सरकार नियोजन नीति लाती है. सरना धर्म कोड लाती है.

पिछड़ों के लिए आरक्षण लाती है.

किसके लिए? क्या सरना धर्म कोड हमारा अस्तित्व नहीं है? हमारी पहचान क्या है? हमारी पहचान हमारी संस्कृति है.

हमारा अपना सरना धर्म कोड है. हमने इसलिए इसे विधानसभा से पारित कराया.

उन्होंने कहा कि विधानसभा से पारित हम कराते हैं और आगे जाकर ये लोग (बीजेपी) रोक देते हैं.

इनकी मंशा सबको समझनी होगी. बीजेपी वाले नहीं चाहते हैं कि हमारा अस्तित्व बचे.

हमारा अपना सरना धर्म कोड नहीं है. ये बाहरी लोग हैं. जिन्हें हमारी भाषा, हमारी संस्कृति नहीं समझ में आती वे हमारे लिए क्या करेंगे.

कल्पना मुर्मू सोरेन ने सरना धर्म कोड की मांग की
कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि झारखंडियत और आदिवासियत की रक्षा केवल हेमंत सोरेन ही कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार में आते ही उन्होंने कुडुख, हो, उरांव और मुंडारी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा था लेकिन सरकार ने मना कर दिया.

ल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि हमारी लड़ाई जारी है. हम आगे भी आवाज उठाते रहेंगे.

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