जयप्रकाश वर्मा

जेएमएम के बागी जयप्रकाश वर्मा ने कोडरमा सीट से किया जीत का दावा

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जयप्रकाश वर्मा, पूर्व भाजपा विधायक और अब निर्दलीय प्रत्याशी, कोडरमा लोकसभा सीट के लिए चुनावी रंगमंच पर उतर आए हैं. गांडेय विधानसभा से विधायक रह चुके जयप्रकाश वर्मा पिछले साल भाजपा को छोड़कर जेएमएम में शामिल हो गए थे. उन्हें लगा कि जेएमएम कोडरमा से अपना उम्मीदवार चुनेगी, लेकिन INDIA गठबंधन ने कोडरमा की सीट भाकपा माले को दी और वहां से भाकपा माले के उम्मीदवार विनोद सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. इसके बाद, जयप्रकाश वर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उम्मीदवारी की घोषणा की और चुनावी मैदान में जोर-शोर से कूद पड़े.

जयप्रकाश वर्मा ने अपनी जीत का दावा किया

जयप्रकाश वर्मा ने अपनी जीत का दावा किया और कहा कि हर वर्ग के लोगों का उन्हें समर्थन मिल रहा है. वहीं जेएमएम जॉइन करने के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि जेएमएम गरीबों का उत्थान व विकास करने वाली पार्टी थी और शोषित व वंचित लोगों का ख्याल रखती है, इसी सोच के साथ उन्होंने क्षेत्र की जनता के समुचित विकास के लिए जेएमएम जॉइन किया था.

पार्टी से निष्काषित कर दिया

बताते चलें कि जयप्रकाश वर्मा के बगावती तेवर देख और उनके चुनावी मैदान में आने के बाद जेएमएम ने उनपर कार्रवाई की है. उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया है. जयप्रकाश वर्मा ने साफ कहा कि वर्तमान सांसद ने कोडरमा के विकास के लिए कुछ काम नहीं किया हैं. उन्होंने कहा कि कोडरमा के लोगों के रोजगार का एकमात्र साधन ढिबरा और पत्थर उद्योग है, लेकिन अब तक ढिबरा और पत्थर उद्योग को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है. कोडरमा के लोग दूसरे प्रदेश रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं.

जनता की मांग पर वे चुनावी मैदान में उतरे हैं

जयप्रकाश वर्मा ने कहा कि जनता की मांग पर वे चुनावी मैदान में उतरे हैं. गौरतलब है कि जयप्रकाश वर्मा के चाचा रीतलाल वर्मा बीजेपी से कोडरमा के पांच बार सांसद रह चुके हैं. जयप्रकाश वर्मा कुशवाहा समाज से आते हैं. कुशवाहा समाज का कोडरमा में बड़ा वोट बैंक हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि जयप्रकाश वर्मा के चुनावी मैदान में आने से कुशवाहा समाज का उन्हें कितना समर्थन मिल पाता है. जयप्रकाश वर्मा की जीत होगी या हार और कोडरमा की जनता किसे अपना ताज पहनाती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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