हेमंत कैबिनेट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री इरफान अंसारी ने कहा है कि यदि बाबूलाल मरांडी झारखंड में एक भी बांग्लादेशी खोज कर दिखा देते हैं तो वह राजनीति से इस्तीफा दे देंगे. डॉ. अंसारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और बाबूलाल मरांडी केवल कम्युनल राजनीति करते हैं. लोगों को बांटने की राजनीति करते हैं. उनके पास हिंदू-मुस्लिम के अलावा और कोई मुद्दा नहीं है. हम मुस्लिमों को बार-बार बांग्लादेशी बुलाया जाता है. हमारे समुदाय के बच्चे आकर बताते हैं कि उनको स्कूल में सहपाठी बांग्लादेशी कहकर चिढ़ाते हैं. इरफान अंसारी ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि बाबूलाल मरांडी यदि एक भी बांग्लादेशी खोजकर निकाल दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. डॉ. अंसारी ने कहा कि भाजपा को कोई नया और सकारात्मक मुद्दा ढूंढ़ना चाहिए.
इरफान अंसारी ने बाबूलाल मरांडी को दी चुनौती
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भाजपा को हिंदू-मुस्लिम की बजाय विकास के मुद्दे पर बात करना चाहिए. वे हमेशा तोड़ने की बात करते हैं. हिंदू-मुस्लिम, सिख और ईसाई को बांटने की बात करते हैं लेकिन हमारी सियासत लोगों को समेटने में है. हम सबको साथ लेकर चलेंगे. हम विकास की राजनीति करते हैं. हमें झारखंड का विकास करने के लिए आरबीआई से 1000 करोड़ रुपये कर्ज मांगना पड़ रहा है क्योंकि बार-बार आग्रह करने के बाद भी केंद्र हमारा पैसा नहीं दे रहा है. मुख्यमंत्री ने कई बार चिट्ठी लिखी लेकिन हमें कोल रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपया नहीं मिला. लेकिन, हमारा वादा है कि अगले 5 साल में झारखंड अपने पैरों पर खड़ा होगा.
बाबूलाल मरांडी ने राज्य में एनआरसी लागू करने की मांग की
गौरतलब है कि बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा में झारखंड में एनआरसी लागू करने की मांग उठाई है. उन्होंने इसके लिए हेमंत सोरेन सरकार से सहयोग भी मांगा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की घटती आबादी और मुस्लिमों की संख्या में आकस्मिक वृद्धि चिंता का विषय है. यदि परिसीमन हुआ तो आदिवासी आरक्षित विधानसभा और लोकसभा की सीटें कम हो जायेगी. सरकारी नौकरियों में भी आदिवासियों की हकमारी होगी. इसकी वजह बांग्लादेशी घुसपैठ है.