झारखंड में साइबर ठगी जानलेवा होती जा रही है.
मंगलवार को गुमला में किसान ने साइबर ठगी से तनाव में आकर आत्महत्या कर ली. मृत किसान की पहचान 55 वर्षीय मोरहा उरांव के रूप में की गई है. बताया जाता है कि साइबर अपराधयों ने मोरहा के बैंक खाते से 68,000 रुपये की निकासी कर ली थी.
सुसाइड करने से पहले मोरहा उरांव ने नोट लिखा.
इसमें लिखा है कि मोबाइल में मैसेज देखना और समझ जाना. मोरहा, गुमला सदर थानाक्षेत्र अंतर्ग अरमई गांव का रहने वाला था. वह अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गया है.
आम के पेड़ से फांसी लगाकर दी जान
मिली जानकारी के मुताबिक मोरहा उरांव ने अपने घर के पीछे आम के पेड़ पर फंदा लगाकर जान दे दी. उसने मौत से पहले पर्चा छोड़ा जिसमें भाई और परिजनों से माफी मांगी है.
लिखा है कि साइबर ठगी का शिकार. भाई जगना. प्यारी झिमी क्षमा करना. मोबाइल में मैसेज देखना और समझ जाना. आखिर में अपना नाम लिखा है.
गौरतलब है कि झारखंड साइबर अपराध का हब बनता जा रहा है.
पहले जामताड़ा जिला साइबर अपराध के लिए कुख्यात था लेकिन अब अन्य जिले भी इसका अड्डा बनते जा रहे हैं. लोगों के पास अभी डिजिटल जानकारी ज्यादा नहीं है और वे साइबर ठगों का आसान शिकार बन जाते हैं.
कार्रवाई होती है लेकिन ये कार्रवाइयां साइबर अपराध पर लगाम लगाने में नाकाफी साबित हो रही है. साइबर ठगों ने अपराध के नए-नए तरीके ईजाद किए हैं.
धान की फसल बेचकर जुटाई थी रकम
इधर, मोरहा उरांव के सुसाइड केस में जानकारी देते हुए उसके छोटे भाई जगना उरांव ने बताया कि बड़े भैई ने टैसेरा राइस मिल में अपनी धान की फसल बेची थी.
68,000 रुपये इरसे मिले थे जो मोरहा ने अपने बैंक काते में जमा करा दिया ता. यही उसकी जमा पूंजी थी. कुछ दिन पहले साइबर अपराधियों ने मोरहा के बैंक खाते से पीएम किसान योजना के नाम पर झांसा देकर पूरी रकम उड़ा ली.