IIIT इलाहाबाद में 4 घंटे के भीतर दो छात्रों की मौत के बाद मामला तुल पकड़ने लगा है. 29 मार्च की रात दिव्यांग छात्र राहुल मंडला ने आत्महत्या कर ली. ठीक उसी दिन कबड्डी खिलाड़ी अखिल की भी संदिग्ध हालात में मौत हो गई. वहीं दोनों छात्रों की मौत की जिम्मेदार बाकी कॉलेज के स्टूडेंट्स संस्थान पर लगा रहे हैं.
पूरा मामला है क्या?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 29 मार्च को राहुल चैतन्य मंडला ने आत्महत्या कर ली. ठीक उसके अगले दिन उसका जन्मदिन था. मौत से पहले उसने अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात भी की और रात के करीब 12 बजे के आसपास उन्हे मैसेज भेजा था. रिपोर्ट्स के अनुसार इस मैसेज में राहुल ने बताया था कि वह पढ़ाई के दबाव से जूझ रहा है.
दावा है कि इसके बाद ही उसने यह कदम उठाया. आधी रात को शोर सुनकर हॉस्टल के छात्र मौके पर पहुंचे. और तुरंत कॉलेज प्रशासन ने राहुल को अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बताया जाता है कि तेलंगाना के निजामाबाद के रहने वाले राहुल चैतन्य सुनने और बोलने में सक्षम नहीं थे. उन्होंने जेईई में AIR -52 रैंक हासिल किया था. जिसके बाद उन्हें आईआईआईटी प्रयागराज में एडमिशन मिला था. वहीं राहुल के कथित आत्महत्या के पीछे डिप्रेशन बताया जा रहा है.
इधर राहुल के आत्महत्या के बाद IIIT प्रयागराज में एक और छात्र की मौत की घटना सामने आई. लगभग चार घंटे के भीतर अखिल नाम के युवक की संदिग्ध मौत हो जाती है. अखिल एक एथलीट थे. वह 25 मार्च को ग्वालियर में आयोजित इंटर ट्रिपल आईटी स्पोर्ट्स मीट्स से वापस लौटे थे. अखिल आईटी स्पोर्ट्स मीट्स में एक ही दिन तीन खेल खेले थे. जिसेस उनकी कमर में दर्द होने लगा था. कॉलेज लौटने के बाद उन्होंने मेडिकल सेंटर से मदद भी मांगी थी.
लेकिन उन्हें केवल पेनकिलर दिया गया और वापस भेज दिया गया. जब उनकी हालत बिगड़ती गई तो अखिल को एक प्राइवेट कॉलेज ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने MRI जांच कराने की सलाह दी. जिसके बाद 29 मार्च की रात करीब आठ बजे अखिल को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
छात्रों ने किया प्रदर्शन
इधर, एक ही दिन दोनों छात्रों की मौत के बाद IIIT प्रयागराज के छात्रों में आक्रोश फैल गया. उन्होंने राहुल और अखिल की स्मृति में कैंडल मार्च निकाला और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
छात्र मांग कर रहे हैं कि संस्थान के डायरेक्टर इस्तीफा दे. छात्रों का आरोप है कि अखिल की मानसिक और स्वास्थ्य स्थिति की अनदेखी की गई. इसके अलावे छात्रों का यह भी आरोप है कि प्रशासन इस घटना को दबाने की कोशिश कर रहा है.
जांच के लिए गठित होगी कमेटी
वहीं IIIT प्रयागराज प्रशासन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच का एलान किया. कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर जीसी नंदी ने कहा कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जो एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
इसके अलावा, संस्थान ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की सिफारिश भी की. जिसे लेकर दावा किया गया कि इस समिति में 50 प्रतिशत सदस्य कॉलेज के छात्र होंगे.