हेमंत सरकार ने तीन साल बाद आरबीआई से 1000 करोड़ रुपये का लोन मांगा है. राज्य सरकार द्वारा ऋण मांगते हुए बताया गया है कि इस राशि का प्रयोग किसी योजना के लिए नहीं बल्कि तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने में किया जाएगा.
वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने क्या बताया?
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर राशि की मांग की है.
केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए निर्धारित कर रखा है कि वे अपने ग्रास डोमेस्टिक प्रोडक्ट माने GDP के हिसाब से 3.5 फीसदी तक कर्ज ले सकता है. इस तरह झारखंड 14 हजार करोड़ रुपये तक कर्ज ले सकता है.
झारखंड में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.36 लाख करोड़ रुपये का बजट बनाया गया था. और सरकार का अब तक दावा यही रहा है कि योजनाओं को पूरा करने के लिए कहीं से कोई लोन नहीं लिया जाएगा.