कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की छात्राएं रात में रोती हुई निकली बाहर, डीसी से मिलने की लगाई गुहार

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झारखंड के सरकारी आवासीय विद्यालयों से आए दिन शिकायतें आती रहती है. मांडर के कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों की छात्राएं स्कूल की अव्यवस्था से नाराज होकर थाने पहुंच गई और थाने में ही डीसी से मिलने की जिद्द पर अड़ गई. छात्राओँ ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल में न तो पढ़ाई हो रही है ना खाना मिल रहा है. इस मामले में जानकारी लेने के लिए कई बार वार्डेन इंदु केरकेट्टा को फोन किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मांडर कस्तूरबा की छात्राएं शाम सात बजे रोते हुए हॉस्टल से निकल गईं. इसी बीच, पुलिस की नजर पड़ गई और सभी को थाने लाया गया. छात्राओं ने थाने में बताया कि शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई नहीं हो पा रही है. केवल दो विषय की पढ़ाई होती है. सुबह का नाश्ता कब मिलेगा यह निश्चित नहीं रहता. मेन्यूका पालन नहीं होता.किसी भी मामले में शिकायत करने पर उन्हें दंडित किया जाता है. शिकायत करने पर 27 जुलाई को 10वीं कक्षा की छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया था. उन्हें छात्रवृत्ति भी नहीं मिल रही है.

सभी छात्राओं ने थाने में डीसी से मिलने की गुहार लगाई जिसके बाद मांडर बीडीओ सुलेमान मुंडरी वहां पहुंचे और छात्राओं को समझाकर हॉस्टल पहुंचाया. बीडीओ ने छात्राओं को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों को जल्द से जल्द दुर किया जाएगा.

 

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