चुनावी स्याही

वोट डालने के बाद उंगली पर लगने वाली नीली चुनावी स्याही की पूरी कहानी

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लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है. हमारे राज्य झारखण्ड में साथ ही कई और राज्यों में इसके बाद विधानसभा चुनावों का आयोजन किया जाएगा. अगर आपने कभी भी, जीवन में एक बार भी वोट दिया होगा, तो आपको पता होगा कि चुनावी स्याही क्या होती है. इसी स्याही को दिखाकर अक्सर लोग मतदान के बाद सेल्फी लेते हैं. वोट डालने के बाद वोटर की उंगली पर नीली रंग की स्याही को लगाया जाता है. वह नीली सियाही एक तरह का निशान है ताकि वह मतदाता दोबारा वोट न डाल सके. लेकिन एक मिनट ठहरिये, आखिर इसी स्याही को क्यों लगाया जाता है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है, दरअसल इस स्याही को लगाने के बाद उंगली से इसका रंग कई दिनों तक नहीं जाता है। यही कारण है कि इस स्याही को का इस्तेमाल कर फर्जी वोटरों से बचा जा सकता है.

कैसे बनती है चुनावी स्याही

इस स्याही को इलेक्शन इंक या इंडेलिबल इंक के नाम से जाना जाता है. इस स्याही को तैयार करने के लिए सिल्वर नाइट्रेट केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में अगर स्याही आपकी त्वचा पर लग गई, तो कम से कम 72 घंटे लगते हैं इसे मिटाने में. दरअसल पानी के संपर्क में आने के बाद सिल्वर नाइट्रेट काले रंग का हो जाता है और यह मिटता नहीं है. हमारे शरीर में मौजूद नमक के साथ मिलकर सिल्वर नाइट्रेट सिल्वर क्लोराइड बनाता है. सिल्वर क्लोराइड ना तो पानी में घुलता है, और ना ही इसे साबुन से या किसी केमिकल से धोया जा सकता है. यह त्वचा से चिपका रहता है. समय के साथ त्वचा के सेल जब पुराने होते हैं तभी इस स्याही का रंग उतरता है.

चुनावी स्याही कौन खरीद सकता है?

इस नीले स्याही को भारतीय चुनाव में शामिल करने का श्रेय देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन को जाता है. उंगली पर लगी स्याही दर्शाती है कि आपने अपने वोट दे दिया है. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इस स्याही को कौन-कौन खरीद सकता है ? दरअसल इस स्याही को दक्षिण भारत में स्थित एक कंपनी मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड में बनाई जाती है. साल 1937 में इस कंपनी की स्थापना हुई थी. इस स्याही को कंपनी एमवीपीएल के जरिए सरकार या चुनाव से जुड़ी एजेंसियों को ही सप्लाई करती है. थोक में इसकी ब्रिकी नहीं होती है.

क्या अमिट स्याही को छुड़ाया जा सकता है?

उच्च क्वालिटी की चुनावी स्याही 40 सेकेंड से भी कम समय में सूख जाती है. उंगली पर स्याही लगाने के 1 सेकेंड के भीतर ही उंगली पर यह अपने दाग छोड़ देती है. हालांकि गांव-देहात या अन्य जगहों पर अक्सर कई बार सुनने को मिलता है कि इस स्याही को कैसे मिटाना है. लेकिन इसकी पुष्टि अबतक नहीं हो सकी है. बता दें कि अगर आपने एक बार वोट दे दिया है तो प्रयास कीजिए की बूथ से बाहर चले जाएं और गलती से भी फर्जी वोट डालने के चक्कर में न पड़ें. अन्यथा पकड़े जाने पर आपको बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

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