झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरु कर दी गई है. लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी से उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया गया है. इसी बीच धनबाद सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद चंद्रशेखर दूबे उर्फ ददई दुबे ने अपनी दावेदारी पेश की है. पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे ने धनबाद से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. फिलहाल वो आलाकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है कि फैसला आते ही वो चुनावी तैयारी में जुट जाएंगे. उन्होंने धनबाद लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कराने को लेकर आलाकमान को आश्वस्त किया है.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम चुनाव जीतने के लिए इस बार मैदान में उतरेंगे. धनबाद के लोगों के साथ मेरा पुराना नाता रहा है. धनबाद के मजदूर व आम लोग आज भी मुझे उतना ही चाहते हैं. ददई दुबे ने बताया कि धनबाद से हमेशा हम करीब रहे हैं. पिछली बार हमने आलाकमान से टिकट की मांग की थी, लेकिन उस समय कीर्ति आजाद को टिकट दिया गया था.
बता दें चंद्रशेखर दूबे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. साल 2004 में वे धनबाद से सांसद चुने गये थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि 1984 से अब तक यानी 2023 तक धनबाद लोकसभा सीट में सिर्फ एक ही बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. 2004 में चंद्रशेखर दुबे ही धनबाद से कांग्रेस के सांसद बने थे. हालांकि उनका जन्म गढ़वा जिले के कंडी प्रखंड के चौका गांव में हुआ है. चंद्रशेखर दुबे 1973 से ही राजनीति में सक्रिय हैं. 1973 से 1985 तक वे बलियारी पंचायत के मुखिया रहे थे. 1985 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और बिश्रामपुर से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने. 1990 के चुनाव में जनता ने उन्हें दोबारा विधायक बनाकर विधानसभा भेजा. लेकिन 1995 में ददई दुबे आरजेडी के रामचन्द्र चंद्रवंशी से चुनाव हार गये. इसके बाद दोनों में हार-जीत का सिलसिला शुरू हो गया. 2000 में ददई जीते, तो 2005 चंद्रवंशी को जीत मिली. फिर 2009 में ददई दुबे ने बिश्रामपुर सीट पर कब्जा जमाया था.
लंबे समय के बाद ददई चुनाव में वापस आने का मन बना रहे हैं और इस बार वे धनबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि ये उनकी अपनी इच्छा है, आलाकमान के तरफ से इस पर अब तक कुछ भी नहीं कहा गया है. 2019 में कांग्रेस ने कीर्ती आजाद पर भरोसा जताया था और उन्हें टिकट दिया था लेकिन भाजपा के पीएन सिंह ने भारी मतो से हराया था.
बता दें धनबाद संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में भाजपा के पीएन सिंह ने 2019 में जीत की हैट्रिक लगा दी है. वो लगातार 2009,2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन पीएन सिंह की 2019 लोकसभा चुनाव की राह भी आसान नहीं थी. उन्हें टिकट पाने के लिए भी चुनौती का सामना करना पड़ा था, उनकी उम्र को आगे कर विरोधियों ने टिकट पाने में अड़ंगा खड़ा किया था. टिकट कटने के कयासों के बीच पीएन सिंह ने टिकट पायी, प्रचार करने निकले तो कुछ जगहों पर विरोध का भी सामना करना पड़ा था. पीएन सिंह ने इन तमाम परिस्थितियों को अंतत: अपने पक्ष में कर जीत हासिल कर ली थी.
अब 2024 के चुनाव में भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएन सिंह को टिकट मिलना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. झारखंड में फिलहाल बाहरी भीतरी का मुद्दा गर्माया हुआ है और पीएन सिंह का जन्म लखनपुर पटना यानी बिहार में हुआ है. ऐसे में भाजपा इन पर दांव नहीं भी खेल सकती है. वहीं 2014 के चुनाव में पीएन सिंह के लिए उनका उम्र ही बड़ा रोड़ा बन सकता है.रिपोर्ट्स की मानें तो पीएन सिंह 75 वर्ष के उम्र की सीमा पार कर चुके हैं इसलिए भी इनकी दावेदारी पर सवाल उठ सकते हैं.
भाजपा के इस मजबूत गढ़ में यूपीए को दमदार उम्मीदवार की तलाश होगी. यूपीए गठबंधन के लिए यह सीट बड़ी चुनौती है. इस सीट पर झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने विधानसभा सीट जीत कर भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर की है. झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह यूपीए की दावेदार हो सकतीं हैं. माना ये भी जा रहा है कि धनबाद सीट पर 2024 में झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और जिला परिषद सदस्य रहे अशोक सिंह भी 2024 के चुनावी दौड़ में शामिल हो सकते हैं.
अब फिलहाल आलाकमान का फैसला ही इन कयासों को शांत कर सकती है. आलाकमान की ओर से उम्मीदवारों के नाम ऐलान किए जाने के बाद ही पता चल पाएगा कि इस बार धनबाद सीट पर आलाकमान ने किस पर भरोसा जताया और कौन चुनाव लड़ेगा.