झारखंड से बनारस तक बनेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर, काटे जाएंगे इतने पेड़, हो रहा विरोध

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झारखंड से बनारस तक रोड से  सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर आ रही है. झारखंड से बनारस तक अब इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जाएगा. जिससे सिर्फ 6 घंटों में ही सफर पूरा किया जा सकेगा लेकिन इस सड़क के निर्माण में रास्ते में आने वाले 1000 से भी अधिक पेड़ काटे जाएंगे. यह चिंता का विषय है.

वर्ष 1914 के भूमि सर्वे के पहले से अस्तित्व में रही यह सड़क (एनएच 75) अब रांची-वाराणसी इकोनॉमिक कॉरिडोर बनने जा रही है. एनएच-75 के किनारे काफी हरे-भरे महुआ, आम, सागवान, शीशम सहित कई पेड़ सालों से खड़े हैं. गढ़वा में बन रहे बाईपास को छोड़ दें, तो खजुरी से उत्तर प्रदेश के विंढमगंज तक कुल 42 किलोमीटर बनाया जाना है. सड़क के चौड़ीकरण के दौरान दोनों किनारों पर लगाए गए पेड़ भी काटे जाएंगे.

इस सड़क के निर्माण से जहां एक ओर समय की बचत होगी वहीं स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क विकास का पैमाना होता है. यह अच्छी बात है कि सड़क बन रही है, लेकिन इसमें पर्यावरण की कुर्बानी भी हो रही है. करीब सौ साल पुराने पेड़ों को काटा जाएगा.सरकार, प्रशासन, वन विभाग और सड़क निर्माण में लगी कंपनी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए ताकि सड़क निर्माण में कटने वाले पेड़ के कारण पर्यावरण को होने वाली क्षति को कम किया जा सके.

 

 

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