बिरसा मुंडा की जन्म भूमि उलिहातू को हेमंत सरकार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है. लेकिन बिरसा मुंडा के वंशज इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं ग्राम सभा ने इसका स्वागात करते हुए कहा है कि पर्यटन स्थल बनने से यहां बेरोजगारी दूर होगी.
रविवार को मंत्री ने किया था दौरा
बता दें कि बिरसा मुंडा के जन्म और कर्मस्थली उलिहातू, डोम्बारी बुरु व उनके ननिहाल चलकद को सरकार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने रविवार को स्थलों का निरीक्षण किया था.
मंत्री के साथ ये भी रहे मौजूद
इस दौरान मंत्री के साथ तमाड़ विधायक विकास कुमार मुंडा, खूंटी विधायक राम सूर्या मुंडा, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया, पर्यटन सचिव अंजली यादव, डीसी लोकेश मिश्रा, एसपी अमन कुमार, एसडीओ दीपेश कुमारी, सीओ तृप्ति विजया कुजूर, बीडीओ गणेश महतो, भोलानाथ लाल व मनोज मंडल सहित कई अन्य लोग शामिल रहे. लेकिन बिरसा मुंडा के वंशज इसका विरोध कर रहे हैं.
वहीं ट्राइबल टूरिज्म सर्किट को लेकर उलिहातू के लोगों ने मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भगवान बिरसा के वंशज भी टूरिज्म सर्किट के लिए ग्राम सभा की सहमति को जरूरी मानते हैं. उनका कहना है कि उलिहातू ग्राम सभा की बैठक के बाद ही टूरिज्म सर्किट बनाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जा सकेगा
उन्होंने यह भी कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के वंशजों के लिए आवास बनाने को लेकर कोई जमीन संबंधी विवाद नहीं है. वहीं दूसरी तरफ उलिहातु के ग्रामीणों का मानना है कि ऐतिहासिक स्थल को टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित करने से स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
यहां के लोग धान की कटाई के बाद रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन करते हैं. टूरिज्म सर्किट से सभी पर्यटन स्थलों का विकास होगा और लोगों को छोटी बड़ी दुकान खोलने के अवसर भी मिलेंगे.
बिरसा मुंडा के वंशजों ने क्या कहा?
भगवान बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा के बेटे कानू मुंडा ने कहा कि पर्यटन स्थल बनना गर्व की बात है. लेकिन पर्यटन स्थल बनाने से पहले ग्राम सभा से अनुमति ले और बैठक कर स्थल चिन्हित करें. ऐसा नहीं कि हमारे पूर्वज भगवान बिरसा मुंडा का केवल यह जन्मस्थल है, बल्कि हमारा धरोहर होने के साथ-साथ खातियानी जमीन भी है.
वंशजों का दावा, पर्यटन स्थल बनने से हमारी आस्तिव हो जाएगी खत्म
कानू मुंडा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस संघर्ष के साथ लड़ाई लड़ी उसी जमीन पर ही क्यों पर्यटन स्थल बने. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों की जमीन पर पर्यटन स्थल न बने बल्कि उलिहातू में स्थल चयन कर दूसरी जगह पर बनाया जाए.
वंशजों का दावा है कि यहां पर पर्यटन स्थल बनने से वंशजों का अस्तित्व और उनकी पहचान खत्म हो जाएगी.
वंशज सुखराम मुंडा ने कहा कि बिरसा मुंडा की जन्मस्थली और उनके प्रांगण है. उस स्थल को पर्यटन स्थल के लिए नहीं दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसी दूसरे स्थान को चिन्हित कर पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है. पर्यटन के लिए ग्राम सभा हो और वहीं पर सब तय किया जाए.