बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में एनआरसी लागू करने के लिए हेमंत सोरेन सरकार का सहयोग मांगा है. मंगलवार को सदन में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए बाबूलाल मरांडी ने फिर दोहराया कि संताल परगना प्रमंडल में डेमोग्राफी बदलाव हुआ है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 1951 से लेकर 2011 तक जनगणना की रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि आदिवासियों की संख्या में गिरावट आई है. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आदिवासियों की आबादी में कमी आने का कारण क्या है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 1951 से 2011 के बीच राज्य में मुस्लिम आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है. क्या ये बांग्लादेशी घुसपैठ के बिना मुमकिन है? उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष के एक सदस्य ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ नहीं है तो फिर मुस्लिमों की आबादी इतनी कैसे बढ़ गई है.
झारखंड में आदिवासियों की संख्या में बड़ी गिरावट और मुसलमानों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
आदिवासी समाज की आबादी घटने से उनके लिए आरक्षित विधानसभा, लोकसभा की सीटें कम हो जाएंगी और सरकारी नौकरियों के अवसर भी सीमित रह जाएंगे, जो बेहद चिंता का विषय है।
आदिवासी समाज के हित में… pic.twitter.com/tnCgXWsvmg
— Babulal Marandi (@yourBabulal) March 18, 2025
आदिवासी आबादी का घटना चिंताजनक
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासियों की संख्या में कमी आना काफी चिंताजनक है. जब परिसीमन होगा तो आदिवासियों के लिए आरक्षित लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या कम हो जाएगी. सरकारी नौकरियों में भी आदिवासियों के लिए अवसर कम होंगे. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार एक बार सहयोग करे तो हम राज्य में एनआरसी लागू करेंगे. इससे पता चल जाएगा कि कौन कहां से आया है. बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर भी स्थित स्पष्ट हो जाएगी. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासी और उनके हितों की रक्षा के लिए ये जरूरी है कि झारखंड में एनआरसी लागू हो और अवैध प्रवासियों का पता लगाया जा सके.
झारखंड में लागू नहीं होगा एनआरसी!
गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा पिछले महीने ही पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में यह संकल्प पारित कर चुकी है कि झारखंड में समान नागरिक संहिता और एनआरसी लागू नहीं होने देगी. ऐसे में बाबूलाल मरांडी का एनआरसी लागू करने के लिए हेमंत सरकार से ही सहयोग मांगना बहुत अहम है. एनआरसी का विरोध तमाम गैर-भाजपा सरकारें करती रही है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने भी इसे लागू करने से इनकार कर दिया है. भाजपा की विरोधी पार्टियों का मानना है कि एनआरसी के जरिए एक खास समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. ये नागरिकता छीनने का कानून है वहीं, बीजेपी का तर्क है कि इसे कानून के जरिए केवल अवैध प्रवासियों की पहचान की जायेगी.
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा ज्वलंत
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा काफी ज्वलंत है. 11 मार्च को लोकसभा में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से संताल परगना की डेमोग्राफी में बदलाव का मुद्दा उठाया था. निशिकांत दुबे ने बाद में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में यह भी कहा कि संताल परगना में जिस प्रकार से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है. धीरे-धीरे इसे झारखंड से अलग करके बांग्लादेश में मिलाने की मांग उठेगी. इस बीच संताल परगना अलग राज्य की मांग का मुद्दा भी गरमाया.