गिरिडीह हिंसक झड़प मामले में हुई FIR पर बाबूलाल मरांडी ने उठाया सवाल, कहा…

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गिरिडीह जिले के घोड़थंबा में 14 मार्च यानि होली के दिन दो पक्षों के बीच झड़प हो गई थी. अब इस मामले में 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं कई लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई है. एफआईआर की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसे नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक्स हैंडल पर साझा करते हुए राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है.

बाबूलाल मरांडी ने FIR कॉपी पर उठाया सवाल!

बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा है कि मैंने कल आशंका व्यक्त की थी कि होली के दिन गिरिडीह के घोड़थंबा में हुई हिंसा मामले में प्रशासन उपद्रवियों का बचाव करते हुए मामले को संतुलित दिखाने के लिए पीड़ित हिंदू पक्ष पर कारवाई कर सकती है. अब इस मामले में दर्ज FIR को देखने से ऐसा लगता है जैसे यह कोई शिकायतवाद नहीं, बल्कि हिंदुओं पर हुए हमले का एक पूर्व नियोजित खाका हो.

FIR में जिस प्रकार से घटना को वर्णित किया गया है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस-झामुमो के शासन में हिंदुओं ने होली मनाकर कोई अपराध कर दिया है. यदि हिंदू अपना त्योहार मनायेंगे तो उनपर बोतल बम और पत्थर से हमला होगा, फिर उसके बाद घटना का दोषी बताते हुए उनपर ही मुकदमा भी दर्ज होगा!

“हिंदु पक्ष को दोषी ठहराए जाने की सुनियोजित साजिश रची गई”

आगे लिखा यह FIR पूरी तरह तुष्टिकरण से प्रभावित लगती है, जिसमें हेमंत सरकार की हिंदूविरोधी मानसिकता स्पष्ट नज़र आती है. सिर्फ पीड़ित हिंदू पक्ष को कटघरे में खड़ा कर उन्हें ही दोषी ठहराया जाने की सुनियोजित साजिश रची गई है.

घटना के असली गुनहगारों को बचाने की पटकथा (FIR) लिखकर सरकार ने उपद्रवियों का मनोबल बढ़ाने और भविष्य में हिंदुओं के ऊपर ऐसे ही हिंसक हमले करने के लिए प्रेरित किया है.

बता दें कि शुक्रवार को घोड़थंबा इलाके में होली के मौके पर निकाले गए जुलूस को रोके जाने के सवाल पर विवाद हो गया था. इसके बाद दो समुदायों के बीच झड़प हो गई. इसी दौरान उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की. पथराव और आगजनी में कई लोग घायल भी हुए हैं.

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