रांची:
JSSC-CGL परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज आज दिन की सबसे बड़ी खबर है.
अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के विरोध में विपक्ष की ओर से प्रतिक्रिया आ रही है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे अमानवीय और निंदनीय घटना बताते हुये मुख्यमंत्री से मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार और प्रशासन को छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध का समाधान निकालना चाहिए था न कि लाठी और हिंसा का सहारा लेना चाहिए.
गौरतलब है कि आज सीजीएल परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर जेएसएससी दफ्तर का घेराव करने जा रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो की भी पिटाई की. उनको हिरासत में लिया गया.
JSSC-CGL परीक्षा में गड़बड़ी का विरोध करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना अमानवीय और निंदनीय है।
छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध का समाधान निकालने की बजाय लाठी और हिंसा के सहारे दमन करने की यह कोशिश मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM की संवेदनहीनता को उजागर करता है।
आज लाठी केवल…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 16, 2024
बाबूलाल मरांडी ने लाठीचार्ज की निंदा की
बाबूलाल मरांडी ने लाठीचार्ज की घटना पर कहा कि आज लाठी केवल छात्रों पर नहीं चली है कि बल्कि सरकार से न्याय की उम्मीद पर भी प्रहार हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री को हठधर्मिता छोड़कर आंदोलन करने वाले छात्रों की मांग पर संवेदनापूर्वक विचार करना चाहिए.
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सीजीएल परीक्षा को अपनी नाक का मुद्दा बना लिया है.
अमर बाउरी ने रांची डीसी की प्रेस रिलीज पर क्या कहा
इस बीच रांची जिला प्रशासन द्वारा आंदोलनकारी छात्रों को जारी की गई गाइडलाइन को लेकर चंदनकियारी के पूर्व भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि छात्रों को खुलेआम धमकी दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि क्या इसी नये झारखंड की परिकल्पना झामुमो-कांग्रेस और आरजेडी की सरकार ने की थी.
अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द कर सीबीआई जांच की मांग की
जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा के नतीजे 4 दिसंबर को जारी किये. 2,145 अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. उनको 16 से 20 दिसंबर तक डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के लिए नामकोम स्थित दफ्तर में बुलाया गया है.
आज कड़ी सुरक्षा के बीच चयनित अभ्यर्थियों ने डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन कराया.
वहीं, रिजल्ट से असंतुष्ट अभ्यर्थियों का आरोप है कि शॉर्टलिस्ट किए गये अधिकांश अभ्यर्थी बाहरी हैं. वहीं आयोग ने इस आरोप का खंडन करते हुये कहा है कि 96 फीसदी अभ्यर्थी झारखंडी हैं.
वहीं आयोग ने पेपर लीक के आरोपों पर कहा कि ऐसा कोई सबूत या साक्ष्य नहीं मिला है. अभ्यर्थियों ने जो सीडी उपलब्ध कराई थी वो भी ब्लैंक निकली.