राजभवन के बाहर धरना : झारखंड के समीर का कोयंबटूर में मिला लटका हुआ शव, परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप

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बोकारो के समीर कुमार कोयंबटूर में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त थे. जहां उनकी मौत संदेहास्पद स्थिति में हो गई है. इस मौत के बाद परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि समीर की हत्या की गई है. बता दें कि कोयंबटूर  से समीर का शव गुरुवार यानी आज सुबह रांची पहुंचा. जिसके बाद परिजन शव को लेकर सीधे राजभवन पहुंचे और उसके समीप ही विरोध प्रदर्शन करने लगे और उच्चस्तरीय जांच की मांग करने लगें. परिजनों का कहना है कि समीर ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी हत्या  कर शव को टांग दिया गया है. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

आत्महत्या का ऐसे हुआ खुलासा

दरअसल, बोकारो का रहने वाला समीर कुमार, तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित करूण्या इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त था. समीर कुमार बोकारो के कसमार थाना क्षेत्र के दांतू का निवासी था. समीर का शव संस्थान के परिसर में स्थित उसके कमरे से ही मिला है. परिजनों के अनुसार मौत का खुलासा तब हुआ जब समीर सुबह होने वाले प्रार्थना में नहीं पहुंचा. जिसके बाद कॉलेज का कर्मचारी समीर के कमरे में गया और देखा दरवाजा अंदर से बंद है. जिसके बाद जब कुछ देर तक आवाज लगाने पर भी उसने दरवाजा नहीं खोला तो दरवाजा तोड़ा गया. दरवाजा तोड़ने के बाद देखा गया कि समीर बेल्ट के सहारे लटक रहा है. जिसके बाद उसके शव को पुलिस की मौजूदगी में उतारा गया.

समीर का पूरा परिवार

दरअसल, समीर कोयंबटूर में पढ़ाने से पहले रांची स्थित झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी (Jharkhand Raksha Shakti University) में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में सेवारत था. समीर ने अगस्त में ही नौकरी से इस्तीफा दिया था और 13 अगस्त को वह कोयंबटूर के लिए रवाना हुआ था. जिसके अगले दिन यानी 14 अगस्त से समीर कोयंबटूर के संस्थान में योगदान देना शुरू कर दिया था. वहीं, मृतक समीर के परिजनों की बात करें तो समीर के पिता का नाम विवेकामंद नायक है जो एक समाजसेवी हैं. वहीं, मृतक के मां का नाम मालती नायक है जो भी एक समाजसेवी हैं. वहीं, समीर की बहन का नाम आकांक्षा कुमारी है जो पेशे से क्रिमिनोलॉजिस्ट है.

 

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