आदिवासी यूनिवर्सिटी में सीएम हेमंत का संबोधन, कहा- मैं यहां के बच्चों से सीखने आया हूं

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन आज यानी 28 अप्रैल को ओड़िसा स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस स्कूल पहुंचे. सीएम को संस्थान की ओर से आदिवासी छात्रों के कार्यक्रम को संबोधित करने का आमंत्रण मिला था. आमंत्रण को स्वीकार करते सीएम हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और कई वरीय पदाधिकारी वहां पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बच्चों को संबोधित किया.

सीएम हेमंत ने अपने संबोधन में कहा कि सभी की सोच से अलग कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी और इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के फाउंडर डॉ अच्युत सामंता जी ने हजारों गरीब और आदिवासी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने का काम किया है. उनका यह प्रयास सराहनीय है. हमारे राज्य में भी सामंता जी आएं और झारखंड के नौनिहालों को मार्गदर्शन दें. यहां के आदिवासी बच्चों के लिए कैसे विकास की पटरी पर चलने का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है. इस पर हम मिलकर कार्य करें. यहां आने वाली पीढ़ी बैठी है, अपना उज्जवल भविष्य पकड़ने के लिए. किसी भी समाज का विकास तभी संभव है, जब वह पढ़- लिखकर अपने परिवार और समाज तक शिक्षा का विस्तार कर सके. इसके लिए कार्य करना होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम कैसे बेहतर कर सकें. यह जानने और सीखने मैं हजारों बच्चों से बीच यहां आया हूं. उन्होंने कहा कि मैं संस्था के लिए कुछ ला तो नहीं सका. लेकिन, मैं अपने एक महीने का वेतन इस संस्थान को दूंगा.

आदिवासी बच्चे विदेशों में उच्च शिक्षा ले रहें : CM

मुख्यमंत्री ने कहा आज यह मंच हमें बहुत कुछ सोचने पर विवश करता है. बड़ी मुश्किल से आदिवासी समाज से आने वाला एक आदिवासी राज्य के शीर्ष पद पर पहुंचता है. 2019 दिसंबर से राज्य के विकास के लिए काम करने का अवसर मिला है. लेकिन कोरोना संक्रमण में विकास की गति को कुछ समय के लिए रोक दिया. इसके बाद जब जीवन सामान्य हुआ तो झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में काम करने का मौका मिला. कई चीजों को हम लोगों ने बड़ी तेजी से आगे बढ़ाया है. देश में झारखंड पहला राज्य है, जहां आदिवासी के बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि मन में तसल्ली होती है कि जो समाज स्कूल से शिक्षा पाने के लिए तरसता था, उसे विदेशों में उच्च शिक्षा मिल रही है. राज्य के बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में आने वाले खर्च का पूरा पैसा राज्य सरकार देगी, इसके लिए हमने कानून भी बनाया है.

झारखंड में नई यात्रा की शुरुआत होगी

वहीं, झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि भुवनेश्वर के इस यूनिवर्सिटी का नाम हम लोग वर्षों से सुनते आए थे. हमें लगता था कि यह संस्थान छोटे से जगह में बच्चों को शिक्षा दे रहे होंगे. लेकिन यहां आकर पता चला, यह तो साम्राज्य है. जिन्होंने इस यूनिवर्सिटी की स्थापना की उस पर जरूर भगवान की कृपा रही होगी. मुख्यमंत्री का काफी प्रयास है कि इस तरह की संस्थान का निर्माण झारखंड में भी हो. इसके लिए हम आपके बीच आए हैं. मुझे उम्मीद है कि उनकी यात्रा इस से एक नई शुरुआत झारखंड में होगी.

सबसे बड़ा आदिवासी संस्थान

बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस पूरे विश्व में सबसे बड़ा आदिवासी संस्थान है, जिसे 1992-93 में डॉ अच्युत सामंता द्वारा शुरू किया गया था. इस संस्थान में देश भर के वंचित आदिवासी वर्ग के बच्चों को शिक्षा दिया जाता है. वर्तमान में यहां करीब 40 हजार आदिवासी बच्चों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाती है, जिसमें ज्यादातर लड़कियां शिक्षा ग्रहण करती हैं.

ये रहें मौजूद

इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन, KIIT और KISS यूनिवर्सिटी के फाउंडर डॉ अच्युत सामंता, मुख्यमंत्री के प्रधान आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव और अन्य उपस्थित थे.

 

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