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कोडरमा में जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब होंगी नीरा यादव ?

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झारखंड में विधानसभा चुनाव की हलचल तेज हो गई है. भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. भाजपा ने 66 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी हालांकि भाजपा झारखंड में 68 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है. चुनाव के मद्देनजर हम आपके साथ झारखंड की विधानसभा सीटों का समीकरण साझा कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे कोडरमा विधानसभा सीट की. कोडरमा में बीते चार टर्म से महिलाओं का ही कब्जा रहा है. यहां से दो बार अन्नपूर्णा देवा तो 2 बार नीरा यादव ने चुनाव जीता है.

2019 में नीरा यादव भाजपा की टिकट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची. नीरा यादव 2014 में भी भाजपा के टिकट से ही जीती थी और अब भाजपा ने तीसरी बार नीरा यादव पर भरोसा जताया है और उन्हें कोडरमा से अपना प्रत्याशी बनाया है.

कांग्रेस ने नहीं उतारा प्रत्याशी

कोडरमा में कांग्रेस ने 2000 के बाद यहां से अब तक कभी किसी नेता को विधानसभा के चुनावी मैदान में नहीं उतारा. यह हाल तब है जब कोडरमा में 1952 में हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी को ही जीत मिली थी.
कोडरमा में भाजपा का मुख्य मुकाबला राजद के साथ ही होता रहा है. 2019 के चुनाव में भाजपा के सामने महगठबंधन की तरफ से राजद का प्रत्याशी था. हालांकि इस बार भाजपा का मुकाबला किससे होगा ये स्पष्ट होने में अभी समय लगेगा इंडिया गठबंधन की तरफ से सीट शेयरिंग और प्रत्याशी चयन को लेकर मामला फाइनल नहीं हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं यह सीट एक बार फिर से राजद के खाते में ही जा सकती है.
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद कोडरमा विधानसभा सीट के इतिहास पर एक नजर डालें तो
2005 में यहां से राजद के टिकट से अन्नपूर्णा देवी जीती थी.

कोडरमा का इतिहास 

2009 के चुनाव में अन्नपूर्णा देवी राजद की टिकट से दूसरी बार जीती.

2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की डॉ नीरा यादव ने राजद प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी को शिकस्त दी और भाजपा की टिकट से जीत कर विधानसभा पहुंची.

2019 के चुनाव में भाजपा नीरा यादव भाजपा की टिकट से लगातार दूसरी बार जीती. तब राजद के उम्मीदवार अमिताभ कुमार दूसरे नंबर पर रहे.

अब नीरा यादव हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुट गई है. भाजपा ने तीसरी बार उन्हें टिकट दे दिया है. अब उनके सामने किस पार्टी का प्रत्याशी होगा ये भी कुछ दिनों में साफ हो जाएगा.

कोडरमा में अभ्रक पाया जाता है और इस अभ्रक के कारण ही कोडरमा की विश्व भर में पहचान है. कोडरमा में बिजली-पानी और रोजगार के लिए पलायन करते लोग बड़ी समस्या है. इन सबके बीच भी जनता किसे डरमा का प्रतिनिधित्व करने का मौका देती है क्या भाजपा और नीरा यादव कोडरमा से जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे ये इस बार यह सीट इंडिया गठबंधन के पाले में जाएगी ये तो 23 नवंबर को ही पता चल पाएगा.

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