Ranchi : वो हाथों से मरीजों का इलाज करता लेकिन दिमाग में खतरनाक मंसूबे पाले बैठा था. डॉक्टर जिसे लोग धरती पर भगवान समझते हैं, वो दरअसल एक भयानक शैतान था. वो शख्स जो एक ओर जिंदगी बचा रहा था तो दूसरी ओर हजारों लोगों की जान लेने का प्लान बना रहा था.
एमबीबीएस जैसी प्रतिष्ठित डिग्रीधारी एक डॉक्टर दरअसल एक आतंकवादी है. जी, हम बात कर रहे हैं डॉ. इश्तियाक की जिसे झारखंड एटीएस ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर देश को दहलाने की साजिश रचने के जुर्म में गिरफ्तार किया है.
तारीख 21 अगस्त, सुबह करीब 11 बजे न्यूज चैनलों में ये खबरें आनी शुरू हुई कि झारखंड एटीएस की टीम ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर 3 जिलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट मॉड्यूल से जुड़े 9 आतंकियों को गिरफ्तार किया है. इनमें डॉ. इश्तियाक का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है.
डॉ. इश्तियाक पिछले 6 साल से मेडिका अस्पताल में काम कर रहा था. किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि जो डॉ. मरीजों का इलाज कर रहा था वो भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने का मंसूबा रच रहा होगा. सुनने में अजीब लगे लेकिन सच्चाई यही है. एक डॉ जिसे भगवान का दर्जा दिया जाता है वही देश को दहलाने का षड्यंत्र रच रहा था.
डॉ. इश्तियाक के साथ जो दूसरा नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है वो फैजान का है. फैजान आतंकी मंसूबे रचने में डॉ. इश्तियाक का सबसे भरोसेमंद शागिर्द है. डॉ. इश्तियाक अपने भयानक प्लान को अंजाम दे सके, इसके लिए फैजान मुस्लिम युवाओं की फौज तैयार कर रहा था.
फैजान की जिम्मेदार थी कि वो इश्तियाक के कहे मुताबिक मुस्लिम लड़कों को बरगलाये और उनका ब्रेनवॉश करे. डॉ. इश्तियाक हिंदुस्तान को इस्लामिक स्टेट में बदल देना चाहता था. इसके लिए उसने दहशतगर्दों की फौज खड़ी करनी शुरू कर दी थी. जरूरी जगहों की रेकी की थी. गोला-बारूद सब तैयार था.
गनीमत है कि सुरक्षा एजेंसियों को भनक लग गई वरना, न जाने कितनी निर्दोष जानें डॉ. इश्तियाक के नापाक मंसूबों की बलि चढ़ जाती.
बीते गुरुवार को झारखंड में एटीएस की टीम ने एक साथ कई इलाकों में दबिश दी. इसमें रांची, हजारीबाग और लोहरदगा में 16 जगहों पर एटीएस की टीम ने छापेमारी की. दिल्ली पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर ही एटीएस ने यह कार्रवाई की. इस छापेमारी में 9 लोगों को हिरासत में लिया गया. इसमें रांची के मेडिका अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत डॉ. इश्तियाक अहमद को भी एटीएस ने पकड़ा है, बरियातू स्थित जोड़ा तालाब के समीप अपार्टमेंट से इश्तियाक को पकड़ा गया है.
एटीएस ने यह दावा किया है कि डॉ. इश्तियाक अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट आतंकी संगठन का मास्टरमाइंड है. डॉ. इश्तियाक अहमद ने रिम्स से एसबीबीएस की पढ़ाई की है. मेडिका अस्पताल में उसने 3 साल तक फुल टाइम तक काम किया है, इसके बाद पिछले 3 साल से वह पार्ट टाइम में आकर मरीजों को देखता था. उसका अस्पताल आने का समय शाम के करीब साढे 4 बजे से शाम के 7 बजे तक था.
उसका हजारीबाग में भी क्लिनिक है, अस्पताल में वह इतना सरल और सहज रहता था कि उसके पकड़ जाने पर सहयोगियों को भी विश्वास नहीं हो रहा. हालांकि इश्तियाक आतंकवाद की दुनिया में कैसे पहुचा इसका खुलासा फिलहाल अभी नहीं हो सका है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि डॉ. इश्तियाक लंबे समय से देश के भीतर खिलाफत की घोषणा करने और गंभीर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था.
एटीएस ने ये भी दावा किया कि उसके गिरोह का नेटवर्क झारखंड, राजस्थान., दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में फैला है. कई युवाओं को संगठन में जोड़ चुका है.
इसके अलावा रांची जिले में ही एटीएस की टीम ने चान्हों के 6 जगहों पर दबिश दी, जहां 4 लोगों को हिरासत में लिया गया जबकि 3 लोग फरार हो गए.
हिरासत में लिए गए लोगों में बलसोकरा का मो. मोदब्बीर, मो. रिजवान, चटवल का मफ्ती रहमतुल्लाह मजहिरी और पिपराटोली का मतिउर रहमान शामिल है. एटीएस को इन ठिकानों से हथियार, लैपटॉप, कई मोबाइल फोन और कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी मिले है.
संदिग्ध आतंकी फैजान अहमद जिसे हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया है वो इश्तियाक का बहुत करीबी माना जाता है. वह पिछले एक साल से डॉ. इश्तियाक से संपर्क में था. फैजान का एक बेटा मानसिक रूप से विकलांग है. उसका इलाज रेडियोलॉजिस्ट डॉ. इश्तियाक कर रहा था. इसी दौरान फैजान की जान-पहचान डॉक्टर से हो गई. इश्तियाक अपने सहयोगियों के साथ फैजान के घर कई बार खाना खाने भी जा चुका है. पड़ोसियों ने बताया कि ‘फैजान कभी सामाजिक नहीं रहा है.
वह अपने काम से मतलब रखता था. सामाजिक गतिविधियों में भी उसकी दिलचस्पी नहीं थी.’मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक वह अपना पहचान छिपाकर आतंकी संगठन के लिए काम कर रहा था. इश्तियाक ने फैजान को स्थानीय युवकों को बहलाकर और उकसाकर संगठन के साथ जोड़ने का टास्क दिया था.
इतना ही नहीं बाहरी लोग भी हजारीबाग आते थे तो फैजान के यहां ही रुकते थे.पिछले साल भी लोहरदगा से इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के आतंकी फैजान उर्फ फैस की गिरफ्तारी हुई थी.
वह अन्य साथियों के साथ भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश कर रहा था. इतना ही नहीं वो इंटरनेट पर आतंकी गतिविधियों का प्रचार प्रसार कर रहा था.,
ठीक इसके 3 साल पहले, यानी 2019 में आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े आतंकी मौलान मोहम्मद कलीमुद्दीन मुजाहिरी को भी एटीएस ने जमशेदपुर से पकड़ा था.
वह अलकायदा के गिरफ्तार आतंकियों मोहम्मद अब्दुल रहमान, जीशान हैदर और अब्दुला समी का सहयोगी था.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर इन आतंकी संगठनों के तार झारखंड से ही क्यों जुड़ रहे है, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है.