ओमान में फंसे 6 मजदूरों की नहीं हुई वतन वापसी, फिर सरकार से लगाई गुहार

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ओमान की राजधानी मस्कट में झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के फंसे 6 मजदूरों की वतन वापसी का गतिरोध अब तक दूर नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से परेशान मजदूरों ने एक बार फिर से सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई हैं. वहां फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत नेरकी के संजय महतो, उच्चाघाना के महादेव महतो, अम्बाडीह के दिनेश महतो, अर्जुन महतो, गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र अंतर्गत महुरी के किशोर महतो, बोकारो जिले के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पोखरिया के युगल महतो शामिल हैं.

मजदूरों के परिजन परेशान 

बता दें कि सभी मजदूरों का हाल यह है कि वो खाने-पीने के लिए दाने-दाने को मोहताज हैं. दरअसल, पिछले 22 दिसंबर 2022 को सभी मजदूर मोबाइल टॉवर खड़ा करने वाली कंपनी में काम करने के लिए ओमान की राजधानी मस्कट गए थे. जहां दो महीने वेतन मिलने के बाद पिछले पांच महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला हैं, जिसके कारण सभी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. इधर मजदूरों के परिजन परेशान हैं.

समाजसेवी ने मजदूरों काृे हक के लिए उठाई आवाज  

वहीं, प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली ने प्रवासी मजदूरों की आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि सरकार कंपनी पर दबाव बनाकर मजदूरों को बकाया मजदूरी और वतन वापसी के लिए टिकट दिलाए.

सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत 

बता दें कि मजदूरों के परिजन यहां बिलख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है. जब काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, तब उन्हें वहां कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है और बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं. ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

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