जनजाति सुरक्षा मंच के नेतृत्व में कल मोराबादी मैदान में डिलिस्टिंग को लेकर महारैली निकाली गई थी. वहीं इस डिलिस्टिंग रैली पर पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने कहा कि डिलिस्टिंग के नाम पर आदिवासीयों के सौहार्दपूर्ण संबधों में जहर घोलने का काम किया जा रहा है. आगे उन्होने कहा की मौलिक संस्कृति यही है कि यहां गांव-देहात से लेकर शहरों तक में सभी लोग परस्पर सौहार्द के साथ रहते हैं, और किसी अन्य आधार पर भले ही उनके बीच में कोई भी मतभेद हो लेकिन सरना और ईसाई धर्म के आधार पर उनके बीच कोई मतभेद नहीं है.
धार्मिक विचारधारा भले ही अलग-अलग हों लेकिन आदिवासियों की संस्कृति-भाषा समान है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड की इस मौलिक भावना से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को भी नहीं है.