IAS के बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट पर क्यों मचा है बवाल, जानिए क्या है पूरा मामला?

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विधि के समक्ष समानता और विधि का समान संरक्षण. भारत के संविधान का भाग-3 और अनुच्छेद 14. सीधा अर्थ है कि कानून के आगे सब बराबर है लेकिन लगता है झारखंड अपवाद है. यहां अमीरों और गरीबों के लिए अलग-अलग कानून है. ऐसा कहना पड़ा क्योंकि घटना ही वैसी है.

दरअसल, पिछले दिनों एक अजीब सा मामला उजागर हुआ. पता चला कि एक आईएएस अधिकारी के बेटे का 3 बर्थ सर्टिफिकेट जारी हुआ. मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में सियासत तेज हो गयी है.

आईएएस अधिकारी के बेटे का जन्म प्रमाण पत्र का मामला कब उजागर हुआ. विपक्ष इस पर क्या कह रही है. साथ ही जानेंगे कि सत्ताधारी दल के नेताओं ने क्या कुछ कहा है.

ऐसे हुआ मामले का उजागर 

दरअसल, झारखंड के आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के 3 अगल- अगल बर्थ सर्टिफिकेट देखकर पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारी हैरान रह गए. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि पासपोर्ट ऑफिस द्वारा पत्राचार के माध्यम से रांची नगर निगम से जो जानकारी मांगी गई उसमें सभी बर्थ सर्टिफिकेट को सत्यापित किया गया है.

यह पूरा मामला तब सामने आया जब आईएएस अधिकारी राजीव रंजन ने पासपोर्ट बनाने के लिए अपने बेटे के जन्मतिथि में बदलाव का आवेदन दिया. उन्होंने पहले जो बर्थ सर्टिफिकेट रांची नगर निगम से लिया था. उसी के आधार पर पासपोर्ट बनवाया. इस जन्म प्रमाण पत्र में 13 अक्टूबर 2013 का जिक्र था.

इसके बाद राजीव रंजन ने पासपोर्ट में बदलाव के लिए आवेदन किया ताकि उनके बेटे की जन्मतिथि को 13 अक्टूबर 2013 से बदलकर 13 अक्टूबर 2015 कर दिया जाए.

अब आपको बताते हैं, अधिकारी के बेटे के तीनों बर्थ सर्टिफिकेट के बारे में. कब कौन सा बना था.

कब-कब बने बर्थ सर्टिफिकेट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएएस राजीव रंजन के बेटे का पहला जन्म प्रमाण पत्र रांची नगर निगम ने 16 सिंतबर 2017 को जारी किया. इसमें जन्मतिथि 13 अक्टूबर 2013 व जन्मस्थान ऑफिसर्स कॉलीनी, आड्रे हाउस,गोंदा रांची का जिक्र है.

दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट 11 जनवरी 2024 को जारी किया. इसमें जन्मतिथि 13 अक्टूबर 2015 दर्ज है. इसमें जन्मस्थान अशोक नगर, रोड नंबर 2 सी 2016 , डोरंडा , रांची का जिक्र है.

जबकि तीसरे जन्म प्रमाण पत्र में 13 अक्टूबर 2017 दर्ज है. और जन्मस्थान जी17बी,सेल सिटी, न्यू पुंदाग, रांची लिखा हुआ है. बता दें कि तीसरा जन्म प्रमाण पत्र उस वक्त बना था जब आईएएस राजीव रंजन खुद सांख्यिकी निदेशालय में निदेशक के पद पर कार्यरत थे.

आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बर्थ सर्टिफिकेट का मामला तूल पकड़ने लगा है. फर्जी शपथ पत्र और तीन जन्म प्रमाण पत्र को लेकर बीजेपी ने सरकार की कार्यप्रणाली और आईएएस अधिकारी पर सवाल उठाए हैं.

BJP प्रवक्ता ने उठाए सवाल

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या झारखंड में अमीर और गरीब के लिए अलग-अलग कानून है? आखिर किस कानून के तहत एक आईएएस अधिकारी के बेटे के 3 प्रमाण पत्र बना दिए गए.

बीजेपी नेता अजय शाह ने कहा कि संविधान में आर्टिकल 14 के अंतर्गत सभी को समानता का अधिकार दिया गया है लेकिन ऐसा लगाता है कि झारखंड में आर्टिकल 14 है ही नहीं.

यहां गरीब के लिए अगल और अमीर के लिए अलग- अलग कानून लागू किये गए है.
दूसरी ओर झारखंड सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की और आईएएस अधिकारी के बेटे के एक जन्म प्रमाण पत्र को वैध और अन्य को निरस्त कर दिया .

लेकिन इसे लेकर भी बीजेपी प्रवक्ता ने सवाल किया कि रांची नगर निगम में तीन में से कौन से एक प्रमाण पत्र को वैध और किसे निरस्त किया है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया है कि जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय एक शपथ पत्र देना अनिर्वाय होता है.

यदि फर्जी शपथ पत्र दिया गया है तो क्या नगर निगम ने संबंधित आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया है? इसके अलावे बीजेपी प्रवक्ता ने सवाल किया आईएएस अधिकारी पर अब तक विभागीय स्तर पर क्या कार्रवाई की गई है.

JMM ने क्या कहा?

वहीं इस पूरे मामले में झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने सफाई देते हुए कहा कि मामला संज्ञान में आया है. सरकार ने इस पर संज्ञान लिया है इसकी जांच होनी चाहिए और जांच जरूर की जाएगी. जो भी दोषी होगा उन सभी पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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