Jharkhand विधानसभा चुनाव से पहले BJP प्रत्याशी सीता सोरेन पर क्यों मंडराने लगा संकट, क्या है पूरा मामला ?

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चुनाव होने में महल कुछ दिन बचे है. इसी बीच झारखंड की सियासत में प्रत्याशियों के उम्र को लेकर विवाद चल रहा है. ताजा मामला सोरेन परिवार की बहू से जुड़ा हुआ है. दरअसल जामताड़ा से भाजपा प्रत्याशी व हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के उम्र पर विवाद शुरू हो गया है. आखिर पांच सालों में सीता सोरेन की उम्र कितनी बढ़ गई है कि सियासत शुरू हो गया है.

सीता सोरेन पर क्या लगा है आरोप

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक जामताड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इरफान अंसारी के चुनाव एजेंट अजहरूद्दिन ने सीता सोरेन के उम्र को लेकर निर्वाची पदाधिकारी को पत्र लिखा है. पत्र में क्या लिखा है तो यह भी हम आपको बताते है.

निर्वाची आयोग को दिए गए पत्र में लिखा है कि सीती सोरेन जो 2019 में जामा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी थी और 2024 में जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी है उनके दोनों चुनावी हलफनामों में उनकी उम्र में छह वर्ष का अंतर दर्ज है. यह अंतर संदेह को जन्म देता है कि दी गई जानकारी प्रामाणिकता में असंगतियां हो सकती .

अजरूद्दिन ने निर्वीची पदाधिकारी आरओ में मामले की गहन जांच करने का आग्रह किया है. उन्होंने अनुरोध किया कि यादि जांच में किसी प्रकार की अनियामितता पाई जाती है तो भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन का नामाकंन रद्द किया जाए.

आगे उन्होंने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है. ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे. जामताड़ा उपायुक्त और आब्जर्वर को भी इस मामले से अवगत करा दिया है.

सीता सोरेन ने चुनावी हलफनामें में क्या दिया है

ये तो हो गई कांग्रेस के द्वारा लगाए गए आरोपो की बात अब हम चुनाव आयोग को सौपे गए ऐफिडेविट की बात करते है उसमे क्या है. साल 2019 में हुए चुनाव में झामुमो प्रत्याशी के तौर पर सीता सोरेन ने अपने चुनावी हलफनामा अपनी उम्र 44 साल बताई थी, लेकिन इस बार के चुनाव में बतौर भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन हलफनामें में 50 साल की उम्र का जिक्र किया है,

माने ये कि पांच सालो में सीता सोरेन की उम्र 6 साल तक बढ़ गई है.

आपको बता दें इससे पहले भी बरहेट से भाजपा प्रत्याशी गमालियल हेम्ब्रम की उम्र विवादो में घिर गई थी. गमालियल की उम्र पांच सालो में नौ साल तक बढ़ गई है.

ये कहना गलत नहीं होगा कि जो भाजपा हेमंत सोरेन और उनके विधायकों की बढ़ी उम्र को लेकर राजनीति कर रही थी. और कह रही थी झामुमो सरकार तो अपने हलफनामें में भी भ्रष्टाचार कर ती है और इसी तरह के कई आरोप भी झामुमो पर भाजपा नेताओं ने लगाए.

लेकिन सवाल तो भाजपा के प्रत्याशियों पर खड़े होते है क्या इनके चुनावी हलफनामें में जिस तरह पांच सालो में बीजेपी प्रत्याशियों के उम्र में इजाफ हुआ है क्या वो भ्रष्टाचार नहीं है. सवाल तो इनके उपर भी खड़ होने चाहिए क्या पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने भी गलत जानकारी देकर चुनावी मैदान में उतरे थे.

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