चंपाई सोरेन ने अब तक मंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया, JMM ने उठाया सवाल !

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Ranchi : पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की वजह से सियासत गरमाई हुई है. चंपई सोरेन ने दिल्ली से लौटने के बाद बीते बुधवार को ऐलान कर दिया कि वे अलग संगठन बनाएंगे. यही नहीं! उन्होंने यह भी कहा था कि वह झामुमो नेताओं के हाथों अपमान झेलने करने के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं.

हालांकि, सवाल ये है कि बगावती रुख अख्तियार करने वाले चंपाई सोरेन ने अभी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा क्यों नहीं दिया है. पार्टी के नेता भी पूछ रहे हैं कि अगर वो नई पार्टी बना रहे हैं तो मंत्रिपद से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे ?

झामुमो नेताओं ने उठाया सवाल 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेएमएम के एक नेता ने कहा कि अगर चंपाई सोरेन अपनी पार्टी बनाना चाहते हैं, तो वे मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं? वे पद से जुड़ी सभी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं और जेएमएम पर दबाव बना रहे हैं.

एक दूसरे नेता ने कहा कि चंपाई सोरेन झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. चंपाई सोरेन कुछ असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि उन्हें टिकट देंगे. साथ ही, चंपाई के खेमे के कुछ लोग हेमंत सोरेन के खेमे से संपर्क कर रहे हैं.

झामुमो के इन नेताओं के सवाल भी जायज है कि अगर पार्टी के खिलाफ आरोप लगा रहे है, अलग संगठन बनाने की बात कर रहे हैं तो फिर मंत्रिपद पर बने रहने की क्या वजह हो सकती है.

बहरहाल, आपको मालूम होगा कि बीते कुछ दिनों से चंपई सोरेन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था कि वे 9 विधायकों के साथ बीजेपी ज्वाइन करने वाले है, हालांकि ऐन वक्त पर सारा किस्सा ही पलट गया और सभी 9 विधायकों ने मीडिया में ये बयान दे दिया कि वे हेमंत सोरेन के साथ है और झामुमो का साथ नहीं छोड़ेगें.

इस बीच ये भी खबरें आई थी कि चंपई सोरेन पार्टी से नाराज चल रहे हैं, इसे लेकर उन्होंने अपने ट्वीटर में भी लंबा चौड़ा एक पोस्ट किया था. खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. आपको बता दें कि जमीन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया. 2 फरवरी को चंपाई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि हेमंत सोरेन को 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिली और जेल से बाहर आए. 3 जुलाई को हेमंत हेमंत सोरेन फिर जेएमएम विधायक दल का नेता चुन लिए गये.

इसके बाद चंपाई सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और फिर हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने. इसी के बाद से चंपाई सोरेन नाराज चलने लगे.

बता देंं कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चंपई सोरेन ने अपने संबोधन में ना तो हेमंत सोरेन के बारे में जिक्र किया था ना ही सरकार के उपलब्धियों के बारे मे. हालांकि अब उन्होंने अलग संगठन बनाने का फैसला कर लिया है. अब देखना होगा कि चंपई सोरेन मंत्रिपद और झामुमो से कब इस्तीफा देते है.

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