बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए क्यों कहा अहंकार की हुई हार

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TFP/DESK : झारखंड हाईकोर्ट ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगा दी है. बता दें कि हाईकोर्ट में प्रकाश कुमार ने सीजीएल परीक्षा रद्द करने को लेकर याचिका दायर की है. जिसकी आज सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को होगी. वहीं हाईकोर्ट के इस फैसले पर छात्र और विपक्ष स्वागत कर रहे है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे लेकर अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा JSSC-CGL परीक्षा परिणाम पर रोक लगाना स्वागतयोग्य निर्णय है.

https://x.com/yourBabulal/status/1868946850570469681

छात्रों के संघर्ष की जीत और हेमंत सरकार के…

आगे लिखा कि यह फैसला छात्रों के संघर्ष की जीत और हेमंत सोरेन सरकार के अहंकार की हार है. मैं, सभी छात्रों और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से JSSC-CGL परीक्षा की साजिश के खिलाफ आवाज उठा.

JSSC-CGL पेपर लीक प्रकरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सत्ताधारी नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और आयोग की भूमिका संदिग्ध है. इसलिए पारदर्शी परिणाम के लिए सीबीआई जांच बेहद जरूरी है. उम्मीद है माननीय उच्च न्यायालय सीबीआई जांच का आदेश देकर छात्रों को न्याय दिलाने की पहल करेगी.

गौरतलब है कि 21 और 22 सितंबर 2024 को सीजीएल की परीक्षा 823 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. परीक्षा वाले दिन हेमंत सरकार द्वारा राज्य में कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए आठ घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था, हालांकि अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा से पहले क्वेश्चन पेपर लीक हो गया था.

परीक्षा के तुरंत बाद कई छात्रों ने परीक्षा रद्द करने का भी मांग उठाया. जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया. हालांकि मामले की सुनवाई से पहले यानी 4 दिसंबर को आयोग ने इसका परिणाम भी घोषित कर दिया और चयनित अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया लिया. लेकिन आज पूरे मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने फिलहाल इस प्रक्रिया में रोक लगाने को कह दिया है.

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