JSSC CGL परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद अब छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध ?

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TFP/DESK : झारखंड अब पूरे 25 साल का हो गया है, इन 25 वर्षों में झारखंड के युवाओं को क्या मिला. ये सवाल हमारा नहीं है बल्कि सड़क से लेकर सदन तक यही बात गूंज रही है. पहले इस वीडियो को देखिए. फिर आगे हम बढ़ेंगे. इस वीडियो में आपको हजारो की संख्या में युवाओं की भीड़ नजर आ रही होगी. उनके हाथों में तख्तियां भी हैं जिसमें लिखा है सीट बेचना बंद करो.

सवाल है कि युवाओं में इतनी नाराजगी क्यों है. वे कौन सी सीट बेचने की बात कह रहे हैं. किन लोगों पर कौन सी सीट बेचने का आरोप लगा रहे हैं. दरअसल, आज हजारीबाग में छात्रों ने बंद का आह्वान किया है.

पहले ही जिला प्रशासन की इसकी लिखित जानकारी दी गयी थी. ये तस्वीरें हजारीबाग बंद के दौरान की हैं. ये छात्र जेएसएससी सीजीएल के अभ्यर्थी हैं. 4 दिसंबर को जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था और तभी से बवाल की शुरुआत हो गयी थी.

अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने ना नौकरियां बेचीं बल्कि, 80 फीसदी बाहरी अभ्यर्थियों का चयन कर लिया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब परीक्षा के समय ही धांधली के आरोप लगे. आयोग के सबूत सौंपा गया. मामला कोर्ट में लंबित है तो फिर क्यों हड़बड़ी में नतीजे घोषित किए गये हैं.

सरकार बनने के बाद तुरंत जारी किया गया रिजल्ट

गौरतलब है कि 25 साल के झारखंड को 28 नवंबर को 14वां सीएम मिला. झारखंड में नई सरकार के गठन होने के तुरंत बाद 4 दिसंबर को जेएसएससी सीजीएल का परिणाम आया. नतीजा जारी होते ही विवादों में घिर गया. विवादों में इसलिए क्योंकि छात्र रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा रहे हैं. बड़ा आरोप यह है कि अभ्यर्थियों ने किस स्तर पर सीजीएल परीक्षा में धांधली के आरोप लगाये हैं.

अभ्यर्थियों क्या लगा रहे हैं आरोप ?

दरअसल, अभ्यर्थियों का आरोप है कि पैसे लेकर नौकरियां बेच दी गयी. इसमें पारदर्शिता, ईमानदारी और मेहनत जैसे शब्दों का कत्ल कर दिया गया है. अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा केंद्र में क्रमवार बैठे अधिकांश अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. ऐसा कैसे संभव है.

दरअसल, जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का परिणाम 5 दिसंबर को आया. परिणाम आने के बाद आयोग द्वारा 2,025 उपलब्ध पदों के लिए कुल 2,231 उम्मीदवारों को डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन के लिए बुलाया गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो चुका था. जांच की मांग भी की गयी थी. बावजूद इसके सरकार ने परीक्षा लेकर नतीजा भी घोषित कर दिया.

हजारीबाग बंद का किया गया आह्वान 

आज हजारीबाग बंद का आह्वान किया गया है लेकिन 4 दिसंबर को रिजल्ट आने के अगले ही दिन यानी 5 दिसंबर को छात्र सड़क पर उतर आये थे. जेएसएससी कार्यालय का घेराव भी किया गया. सरकार कहती है कि पूरे पारदर्शी तरीके से बिना किसी गड़बड़ी के नतीजे आये हैं लेकिन अभ्यर्थी इससे इत्तेफाक नहीं रखते.

इसके लिए वह नतीजों में रोल नंबर को मार्क करके बता रहे हैं कि कैसे एक ही केंद्र में एक ही हॉल में क्रमवार बैठे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि दिन रात स्थानीय नीति की बात करने वाली सरकार ने राजस्थान, यूपी और बिहार के लड़के लड़कियों को नौकरियां बेच दीं.

नतीजे आने के बार सियासत भी शुरू

नतीजों पर सियासत भी शुरू हो गयी है. यह कहना भी मुनासिब होगा कि छात्रों के आक्रोश को विपक्ष का साथ मिल रहा है. बाबूलाल मरांडी ने पहले ही ट्वीट करके आरोप लगाया था कि हेमंत सरकार ने जल्दीबाजी में नतीजे घोषित किये. जब मामला कोर्ट में लंबित था तो हड़बड़ी क्यों की गयी.

https://x.com/yourBabulal/status/1864645725415522354

उन्होंने आयोग के सचिव के उस बयान का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कोर्ट में मामला लंबित रहने तक रिजल्ट नहीं आयेगा तो फिर किसकी शह पर रिजल्ट जारी किए गये. बाबूलाल मरांडी ने तो आज भी विधानसभा में मामले की सीबीआई जांच की मांग की.

जयराम महतो ने सदन में उठाई मांग 

जेएलकेएम के विधायक जयराम महतो ने भी सदन के भीतर कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात करनी चाहिए. उनकी शंकाओं का समाधान करना चाहिए चाहे वह जांच के जरिए हो.

गौरतलब है कि 21 और 22 सितंबर 2024 को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा ली गई थी. परीक्षा वाले दिन 5 घंटे के लिए राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी थी ताकि परीक्षा कदाचार मुक्त हो सके. लेकिन यह परीक्षा तब भी विवादों में घिरी.

विवादों में इसलिए क्योंकि उस वक्त परीक्षा को लेकर सवाल उठने लगे थे कि परीक्षा का क्वेंश्चन पेपर पहले ही लीक हो गया था. आरोप है कि कई छात्रों को सेंटिंग के साथ क्लास रूम में बैठाया गया था.

जिसके बाद छात्रों का एक बड़ा समूह इसे रद्द करने की मांग कर रहा था. हालांकि परिणाम आने के बाद भी इस पर नया विवाद शुरू हो गया है, और सोशल मीडिया पर स्क्रीन शॉट भी वायरल हो रहा है. हालांकि, इसकी पुष्टि द फोर्थ पिलर नहीं करता है. बहरहाल, अब देखना होगा सरकार जेएसएससी सीजीएल पर उठ रहे सवाल पर क्या कुछ प्रतिक्रिया देती है

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