यूनियन कार्बाइड

यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने पर क्यों भड़के लोग, क्या है इसका भोपाल गैस त्रासदी कनेक्शन!

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मध्य प्रदेश के धार जिला अंतर्गत पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का 337 टन कचरा जलाने के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन थमता नहीं दिख रहा है. शुक्रवार को पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान 2 लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया.

दोनों को गंभीर हालत में चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार 24 घंटे के आमरण अनशन पर बैठ गये हैं. उनका तर्क है कि मोहन यादव सरकार की इस कवायद से स्थानीय आबादी में कैंसर फैलने का खतरा है. उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे की वजह से आमजन को खतरे में डाला जा रहा है.

हालात इतने खराब हैं कि शहर से तमाम एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट्स बंद कर दिए गये हैं. कुछ समय के लिए मोबाइल नेटवर्क को भी बंद कर दिया गया था. प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किए जाने से हालात और बिगड़ गये.

अब जिला प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

धार जिला प्रशासन ने लोगों से क्या अपील की
दरअसल, भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट में इकट्ठा हुए 337 मीट्रिक टन कचरे को जलाने की तैयारी है. मोहन यादव सरकार ने इसके लिए धार जिले के पीथमपुर को चुना है.

अब यूनियन कार्बाइड के अतीत को देखते हुए स्थानीय लोग डरे हुये हैं.

उनका मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में रसायनयुक्त जहरीला कचरा जलाने से स्थानीय आबादी संकट में आ सकती है. लोग कैंसर सहित अन्य घातक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. वे पीथमपुर में कचरा नहीं जलाने की मांग पर अड़े हैं.

दूसरी ओर सरकार का कहना है कि सबकुछ वैज्ञानिक पद्दति पर ही किया जायेगा. लोगों के बीच कुछ स्वार्थी तत्व भ्रम फैला रहे हैं.

धार जिले के एसपी और डीएम ने क्या कहा है
इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए धार जिला के डिप्टी कलेक्टर पियांक मिश्रा ने कहा कि यूसीआईएल का कचरा पीथमपुर लाया गया है. पीथमपुर बस अड्डे पर विरोध प्रदर्शन हुआ. हम बार-बार कह रहे हैं कि जनता को विश्वास में लिए बिना कचरा नहीं जलाया जाएगा. हम जनता के साथ संवाद करेंगे. हम उनको बातचीत के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. हम उनके मन में उठ रही तमाम शंकाओं का समाधान करने को तैयार हैं. जनता की सहमति के बिना कोई काम नहीं होगा. सबकुछ वैज्ञानिक पद्दति से सुरक्षित ढंग से किया जायेगा. हम अपील करते हैं कि लोग कानून को हाथ में न लें. शांति व्यवस्था बनाए रखने में जिला प्रशासन का सहयोग करें. हमें कार्रवाई के लिए मजबूर न करें. उन्होंने कहा कि लोगो को जानमाल का नुकसान नहीं करना चाहिए.

 

वहीं, जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पीथमपुर में आया यूनियन कार्बाइड का कचरा जनता की बिना इजाजत के नहीं जलाया जायेगा. उनको विश्वास में लिया जायेगा. जिला प्रशासन उनके सवालों का जवाब देने को तैयार है. मध्य प्रदेश सरकार के लिए जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है. जनता का हित ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. लोग कानून व्यवस्था बनाने में हमारा सहयोग करें. जनता का अहित नहीं होगा.

 

भोपाल गैस त्रासदी से क्या है कनेक्शन
अब सवाल है कि लोग इतना डरे हुये क्यों है. जवाब है भोपाल गैस त्रासदी.

दरअसल, 3 दिसंबर 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट में 30 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हो गया था. 3 दिसंबर की आधी रात भारी मात्रा में मिथाइल आइसोसाइनेट गैस प्लांट में बने टैंक से रिसकर भोपाल की हवा में फैल गया. ठंड थी तो कोहरे ने और कहर ढाया. कुछ ही घंटो में 15000 से ज्यादा लोग मारे गये.

लाखों लोग बीमार पड़ गये. लोग टीबी, दमा और कैंसर जैसी घातक बीमारियो का शिकार हो गये.

आज भी यहां बच्चे अपंग पैदा होते हैं. फसल के लिए कीटनाशक बनाने वाली इस प्लांट की स्थापना 1969 में हुई थी. वर्ष 1975 में भोपाल ट्रेड यूनियन के वर्कर्स ने यहां प्रदूषण की शिकायत की थी.

कई स्थानीय पत्रकारों ने आर्टिकल लिखकर चेताया था कि आबादी के बीच बना प्लांट जानलेवा साबित हो सकता है. इसे बारूद के ढेर की संज्ञा दी गयी थी.

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