कौन है इरफान अंसारी जिन्हें हेमंत कैबिनेट में मिला दूसरी बार जगह, जानिए कैसा रहा है राजनीतिक सफर ?

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Ranchi : जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने हेमंत कैबिनेट में दूसरी बार मंत्री पद की शपथ ली. इरफान अंसारी ने लगातार इस सीट पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज का एक कीर्तिमान स्थापित किया है. इरफान अंसारी का विवादों से गहरा नाता रहा है क्योंकि वे हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.

इरफान अंसारी ने यूक्रेन से किया है MD

इरफान अंसारी पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के बेटे हैं. उनके पिता कांग्रेस के नेता थे और जामताड़ा क्षेत्र के विधायक भी रहे चुके है. इरफान अंसारी का जन्म 17 जनवरी 1975 को झारखंड के देवघर में हुआ था. उन्होंने पटना के एएन कॉलेज में पढ़ाई की. वर्ष 2000 में उन्होंने यूक्रेन से एमडी किया. वे पेशे से डॉक्टर हैं. इरफान अंसारी राज्य हज समिति के अध्यक्ष भी हैं. आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय सहायता समिति के चेयरमैन भी हैं.

गौरतलब है कि अल्पसंख्यक कोटे से हेमंत कैबिनेट में उन्हें जगह दी जा रही है, दरअसल, इस समय कांग्रेस में कोई और बड़ा अल्पसंख्यक चेहरा नहीं है. पिछली हेमंत कैबिनेट में आलमगीर आलम को मंत्री बनाया गया था लेकिन वह फिलहाल कथित टेंडर कमीशन घोटाला मामले में जेल में हैं. पाकुड़ से इस बार उनकी पत्नी निशात आलम जीती हैं लेकिन इरफान अंसारी उनके मुकाबले ज्यादा अनुभवी और योग्य हैं.

इरफान अंसारी तीसरी बार जीता है चुनाव

बहरहाल, हालिया संपन्न चुनावों में कांग्रेस के डॉ. इरफान अंसारी ने जामताड़ा में भाजपा की सीता सोरेन को 43,676 वोट से हराया था. साल 2014 में इरफान अंसारी पहली बार चुनावी राजनीति में उतरे और चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. उस चुनाव में इरफान अंसारी ने भाजपा के बीरेंद्र मंडल को 9,137 वोट से हराया था. फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में इरफान अंसारी ने दोबारा से बीजेपी के बीरेंद्र मंडल को हराया. इरफान अंसारी पिछले 10 साल से जामताड़ा के विधायक हैं.

कई बार मंत्रिपद की इच्छा भी जताई थी

गौरतलब है कि पिछली सरकार में भी उन्होंने कई बार मंत्रिपद की इच्छा जताई थी. इतना ही नहीं! उन्होंने खुले तौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय में रुचि दिखाई. उनको हेमंत कार्यकाल के अंतिम क्षणों में मंत्री बनाया गया जब आलमगीर आलम जेल गये. हालांकि, उनको स्वास्थ्य की जगह ग्रामीण विकास विभाग मिला. तब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता हुआ करते थे. इरफान अंसारी ने कई बार बन्ना गुप्ता की भी आलोचना की.

आलमगीर आलम के टेंडर कमीशन घोटाला मामले में जेल जाने के बाद मंत्रिमंडल में खाली हुये स्थान पर इरफान अंसारी को पहली बार जगह मिली. उन्होंने 8 जुलाई को मंत्रिपद की शपथ ली. उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय, ग्रामीण कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया. हालांकि पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में इरफान अंसारी को कुछ महीने ही काम करने का मौका मिला, लेकिन इस बार उन्हें पूरा कार्यकाल मिल रहा है, जनता को उनसे काफी उम्मीदे हैं. आशा है कि वह अपनी योग्यता का सकारात्मक इस्तेमाल जनहित में करेंगे.

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